जानिए बिहार के इस अनोखे गांव के बारे में... जहां आज भी डोली में बैठकर पहली बार ससुराल आतीं हैं दुल्हन

नक्सल प्रभावित टेटिया बम्बर प्रखंड के कैसोली पंचायत के दास टोला के ग्रामीणों को अब तक सड़क नसीब नहीं हो सकी है। इस कारण गांव की दुल्हन अब डोली में ही बैठकर पहली बार ससुराल आती है। वहीं दूसरे गांव के लोग इस गांव में शादी नहीं करना चाहते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 03:03 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 03:03 PM (IST)
जानिए बिहार के इस अनोखे गांव के बारे में... जहां आज भी डोली में बैठकर पहली बार ससुराल आतीं हैं दुल्हन
मुंगेर के दास टोला के ग्रामीणों में रोड नहीं रहने से डोली में बैठकर आती हैं दुल्‍हन। फोटो सांकेतिक।

मुंगेर [वरुण यादव]। आज हम बिहार के एक ऐसे अनोखे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां दुल्हन आज भी डोली में ही बैठकर पहली बार ससुराल आती है। दरअसल, इसके पीछे सरकारी उदासीना है। 

सरकार ने सभी गांव मुहल्लों को सड़कों से जोडऩे की योजना चल रखी है। लेकिन नक्सल प्रभावित टेटिया बम्बर प्रखंड के कैसोली पंचायत के दास टोला के ग्रामीणों को अब तक सड़क नसीब नहीं हो सकी है। इस कारण गांव की दुल्हन अब डोली में ही बैठकर पहली बार ससुराल आती है। जो सक्षम नहीं हैं वे पगडंडी के सहारे गांव पहुंचती है।

स्थानीय विजय दास, श्यामसुंदर दास, मनोज दास, अधिक दास, सतीश दास आदि ने कहा कि आजादी के कई दशक बाद भी मुख्य सड़क से गांव तक सड़क नहीं बन पाई है। सड़क निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण हमारे गांव तक सड़क नहीं बन सकी है। इस कारण मुख्य सड़क से गांव पहुंचने के लिए आज भी पगडंडी ही एक मात्र उपाय है। ग्रामीणों ने कहा कि सड़क निर्माण कराने के लिए जन प्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।

दूसरे गांव के लोग इस गांव में नहीं करना चाहते शादी

लोगों ने बताया कि दूसरे गांव के लोग हमारे गांव में शादी नहीं करना चाहते हैं। मजबूरी में इस गांव में अगर अपनी बेटियों की शादी कर भी देते हैं, तो मायका लौटने के बाद दुल्हन फिर से ससुराल नहीं आना चाहती हैं। दुल्हन के साथ ही मेहमानों को भी गांव तक पगडंडी पर चल कर पहुंचना पड़ता है। वहीं, गांव में कोई बीमार पड़ता है, तो उसे भी पगडंडी के सहारे ही मुख्य सड़क तक ले जाया जाता है।

सड़क के अभाव में दास टोला तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है। इधर, पंचायत के मुखिया नित्यानंद यादव ने बताया कि मुख्य सड़क से गांव तक निजी लोगों की जमीन है। जमीन मालिक सड़क के लिए जमीन उपलब्ध करा देते हैं, तो मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत पक्की सड़क का निर्माण करा दिया जाएगा।

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