Munger Durga Visarjan Case : 17 साल पहले भी अंकेश अपहरणकांड में जला था मुंगेर

Munger Durga Visarjan Case मुंगेर में इस तरह की हिंसा आज से 17 साल पहले भी हो चुकी है। उस समय भी इस तरह पूरा मुंगेर जल उठा था। चैंबर ऑफ कॉमर्स के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल के नेतृत्व में 17 दिनों तक आन्दोलन चलाया गया था।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 11:36 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 11:36 PM (IST)
Munger Durga Visarjan Case :  17 साल पहले भी अंकेश अपहरणकांड में जला था मुंगेर
मुंगेर में प्रदर्शन के दौरान जलाए गए वाहन

मुंगेर, जेएनएन। Munger Durga Visarjan Case : मुंगेर में डीएम और एसपी को हटाने की कार्रवाई पांच दशक में शायद पहली बार हुई है। इसके पूर्व भी मुंगेर में कई बार उपद्रव व हत्या की वारदात हुई थी। पर इस बार की कार्रवाई ने मुंगेर को हिला कर रख दिया है। डीएम राजेश मीणा व एसपी लिपि ङ्क्षसह को हटाने की घटना के बाद मुंगेर चैंबर का आन्दोलन भी स्थगित हो गया है। ज्ञात हो कि इसके पूर्व वर्ष 2003 में अंकेश अपहरण कांड हुआ था। उस कांड में भी मुंगेर जल गया था। चैंबर ऑफ कॉमर्स के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल के नेतृत्व में 17 दिनों तक आन्दोलन चलाया गया था। इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने अंकेश को मुक्त किया था। इस बार भी चैंबर की लड़ाई ने रंग लाई है। अंत में एसपी के साथ डीएम को भी जाना पड़ गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि शायद पांच दशक में इस तरह की कार्रवाई की पहली बार हुई है। इसके पूर्व वार्ड सदस्य पंकज वर्मा की हत्या के बाद भी मुंगेर जलने लगा था। बड़ी मशक्कत के बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित किया था। इसके पूर्व नगर निकाय चुनाव में कासिम बाजार थाना क्षेत्र में एक युवक की गोलीबारी में हत्या हुई थी। युवक के स्वजन पुलिस पर गोली मारने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था। उस घटना में भी मुंगेर धू-धू कर जलने लगा था। बाद में राज्य मुख्यालय से पहुंची टीम ने उच्चस्तरीय बैठक के बाद माहौल को शांत किया था

मुंगेर का प्रतिमा विसर्जन हर बार हिंसक रुप से ले रहा

मुंगेर में दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन ऐतिहासिक रहा है। इस कारण मुंगेर जिला सहित प्रमंडल के खगडिय़ा, बेगूसराय, लखीसराय सहित अन्य जिले के लोग बड़ी संख्या में इसे देखने आते हैं। इस कारण विसर्जन के दिन मुंगेर का माहौल उत्सवी रंग में रंगा रहता है। शायद इसी उमंग के कारण प्रशासन के गाइडलाईन का पालन कुछ पूजा समिति नहीं कर पाते हैं। इस कारण हिंसक घटना घट जाती है। इसके पूर्व भी कोतवाली थाना क्षेत्र में मूर्ति विसर्जन के दौरान कोतवाली थाना के तत्कालीन इंसपेक्टर अमरनाथ तिवारी का उपद्रवियों ने पत्थर से हमला कर दांत तोड़ दिया था। वहीं, वारदात इस बार हुई। चुनाव को लेकर प्रशासन की सख्ती से उपजे तनाव ने युवक अनुराग की जान ले ली।

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