Munger: विश्व रक्तदाता दिवस पर 14 युवाओं ने किया रक्तदान, इस तरह लोगों को किया गया जागरूक
मुंगेर में विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर युवाओं ने रक्तदान किया। साथ ही युवाओं को रक्तदान के लिए जागरूक किया गया। रेड क्रास द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। वहीं शनिवार को तारापुर में आयोजित शिविर में पांच लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया।
संवाद सूत्र, मुंगेर। विश्व रक्तदाता दिवस पर सोमवार को रेडक्रास द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 14 युवाओं ने रक्तदान किया। इस अवसर पर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. रामप्रीत ङ्क्षसह, डा. फैज उद्दीन, डॉ. डीपी यादव, टेक्नीकल सुपरवाइजर संजय कुमार यादव, मृगनेंद्र कुमार शर्मा, संतोष सहाय, अशोक पटेल, हेमंत ङ्क्षसह , शिवशंकर झा आदि मौजूद थे।
रक्तदान करने में युवा सबसे आगे
रक्तदान करने में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। विश्व रक्तदाता दिवस, सड़क सुरक्षा सप्ताह , रेडक्रास दिवस आदि विशेष आयोजन पर बड़ी संख्या में युवा रक्तदान करने के लिए आगे आते हैं। वहीं, किसी मरीज को रक्त की जरूरत पडऩे पर भी कई युवा रक्तदान के लिए पहुंचते हैं। जिला में नौवागढ़ी, जमालपुर, तारापुर आदि में युवाओं ने रक्तदान को लेकर वाट््सएप ग्रुप बना रखा है। जिस पर मरीज के स्वजन रक्त की जरूरत महसूस होने पर मदद की गुहार लगाते हैं। इसके बाद कई युवा रक्तदान करने के लिए आगे आते हैं। वर्तमान में मुंगेर के ब्लड बैंक में 16 यूनिट बल्ड उपलब्ध है। सोमवार को 14 लोगों ने रक्तदान किया। इस तरह से 30 यूनिट रक्त उपलब्ध है। रविवार को विश्व रक्तदाता दिवस के दिन रेड क्रास द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। वहीं, शनिवार को तारापुर में आयोजित शिविर में पांच लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 264 लोगों रक्तदान किया है।
रक्तदान करने वाले योद्धा :
शाकीब उर्फ रजा, राजेश कुमार, रोहित रंजन, धन्नामल , रीसव कुमार, नितीन खेतान, चंचल कुमार जालान, दीपक कुमार,अंकित कुमार जालान,डॉ. शशाी कांत सुमन, राहुल सोलंकी, पुनीत मोदी, राजा सागर, विनायक जोशी आदि शामिल हैं।
रक्तदान करने से हार्ट अटैक की आंशका कम रहती है : डॉ. फैज
ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। रक्तदान करने से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा है। ब्लड डोनेट करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि यह शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थों को बाहर निकालता है। ब्लड डोनेट करने के बाद बोन मैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है। जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है।
क्यों जरूरी है रक्तदान :
रक्तदान कर एक शख्स दूसरे शख्स की जान बचा सकता है। ब्लड का किसी भी प्रकार से उत्पादन नहीं किया जा सकता और न ही इसका कोई विकल्प है। हमारे शरीर में कुल वजन का सात फीसदी हिस्सा खून होता है। आंकड़ों के मुताबिक 25 फीसद से अधिक लोगों को अपने जीवन में खून की जरूरत पड़ती है। -डॉ. फैज उद्दीन , ब्लड बैंक प्रभारी