बांका के पड़घड़ी में मातमी सन्नाटा, सांत्वना देने पहुंचे बेलहर MLA मनोज यादव बोले- अन्य कामगारों की वापसी के लिए करूंगा बात

बिहार के बांका जिले के पड़घड़ी के तकरीबन 200 श्रमिक जम्मू कश्मीर में काम करने गए हुए हैं। अब उनकी वापसी को लेकर स्वजन परेशान हैं। ऐसे में सांत्वना देने पहुंचे बेलहर विधायक मनोज यादव ने कहा कि वापसी के लिए इंतजाम किए जाएंगे।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 10:11 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 10:11 PM (IST)
बांका के पड़घड़ी में मातमी सन्नाटा, सांत्वना देने पहुंचे बेलहर MLA मनोज यादव बोले- अन्य कामगारों की वापसी के लिए करूंगा बात
अरविंद के स्वजनों से बात करते बेलहर विधायक

संवाद सूत्र, बाराहाट, बांका। आतंकी हमले में मारे गये पड़घड़ी गांव निवासी अरविंद के स्वजनों को सांत्वना देने के लिए अब भी उनके घर पर लोगों के आने का तांता लगा है। मंगलवार को भी बेलहर विधायक मनोज यादव उनके स्वजनों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने का वादा किया। कहा कि कश्मीर में मारे गए उनके पुत्र को सरकारी प्रविधान के मुताबिक सभी तरह की सहायता दिलाई जाएगी। वहीं, कोरोना में हुई उसके बड़े पुत्र की मौत का मुआवजा आपदा प्रबंधन विभाग से दिलाये जाने का भी आश्वासन दिया है। इसके लिए उन्होंने उनकी मेडिकल रिर्पोट से जुड़ी सारी कागजात विभाग ने जमा कराने को कहा है। जिससे उसे समय पर मुआवजे की राशि दिलाये जाने में मदद की जा सके। इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें कश्मीर में फंसे अन्य लोगों की घर वापसी में हो रही परेशानियों से भी अवगत कराया। इस पर उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर उनके स्वजनों की सकुशल वापसी का भरोसा दिलाया है।

साथी की मौत से सहमें बिहारी श्रमिक कर रहे पलायन टिकट नहीं मिलने से जम्मू स्टेशन पर कई प्रवासियों ने डाल रखा है डेरा स्वजनों को सता रही परिवार की चिंता

संवाद सूत्र, बाराहाट, बांका। प्रखंड के पड़घड़ी गांव निवासी अरविंद कुमार साह की आतंकी घटना में हुई मौत से कश्मीर में रहे रहे उनके अन्य साथी डर से पलायन करना शुरू कर दिया है। आतंकियों का खौफ उनकी जेहन में इस कदर समा गया है कि वे अपना कारोबार और पूंजी को छोड गांव लौटने को मजबूर हैं। कश्मीर से मंगलवार की सुबह लौटे पड़घड़ी गांव के अमरीज कुमार एवं कुंदन साह ने बताया कि घाटी में हालात बेकाबू हो गए हैं और गैर काश्मीरियों को आतंकी अपना निशाना बना रहे हैं। जिससे करीब चार दर्जन कामगार अपने परिवार के साथ वापस गांव लौटने के लिए निकल पड़ हैं। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिलने से वे जम्मू के रेलवे स्टेशन पर पड़े हैं।

बताया कि वे परिवार के परवरिश और उसके उज्जवल भविष्य की उम्मीद लिए कश्मीर पलायन कर गए थे। लेकिन वहां की आतंकी घटनाओं ने उसके सभी हौसले पस्त कर दिये। अब वे गांव में ही रोजगार कर अपने परिवार का भरण-पोषण करेंगे। पड़घड़ी गांव निवासी घनश्याम साह ने बताया कि उनका पुत्र रोहित साह, उनकी पुत्रवधु अहिल्या देवी, पोता सत्यम, षिवम व भतीजा रूपेश भी घर लौट रहा था। वहीं, गांव के कई लोगों ने बताया कि उनके कई स्वजन कश्मीर में रहकर रोजगार कर रहे हैं। जिनकी सुरक्षा की ङ्क्षचता उन्हें सता रही है। वहीं, जम्मू में फंसे विक्रम कुमार साह ने बताया कि वे अपने 11 साथियों के साथ यहां काम कर रहे हैं। लेकिन इन कामगारों को उनके मालिक स्थिति सामान्य होने का हवाला देते हुए उन्हें आने भी नहीं दे रहे हैं। जबकि यहां ग्रामीण भगवान से भी उसकी सलामती की दुआ कर रहे हैं।

आतंकियों को मिले किये की सजा

आतंकवादियों का शिकार हुए अरङ्क्षवद कुमार के स्वजनों ने न्याय की मांग करते हुए कहना कि सरकार ऐसा काम करे की इन आतंकवादियों को इनके किये की सजा मिल जाए। तभी अरङ्क्षवद सहित अन्य की आत्मा को शांति मिलेगी। ज्ञात हो कि मृतक अरङ्क्षवद ने स्वजनों से छठ पर्व तक कुछ पैसे कमाकर वापस घर लौटने का वादा किया था। लेकिन वे अपना वादा निभा नहीं सके।

तीसरे दिन भी पसरा रहा सन्नाटा

अरविंद की मौत के तीसरे दिन भी उसके गांव व घर में सन्नाटा पसरा रहा। मंगलवार को भी कई घरों में चूल्हे नहीं जले और महिला व पुरूषों के चेहरों पर उदासी थी। आतंकियों द्वारा की गई पुत्र की निमर्म हत्या से हर कोई परेशान और स्वजन गमजदा है। अब भी मां सुनैनी देवी अरङ्क्षवद के फोन आने का इंतजार है। अब भी उसे यकीन नहीं है कि उसका लाडला इस दुनिया में नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अरङ्क्षवद काफी व्यवहारिक था। दरवाजे पर बैठे पिता उपेंद्र ने बताया कि भगवान ने मुझे ऐसा दर्द दिया है जिसे मरते दम तक नहीं भूल पाएंगे।

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