ममता शर्मसार: मां ने अपने दो आशिकों संग बेटे को उतारा मौत के घाट
ममता शर्मसार भागलपुर में दो प्रेमियों संग मिलकर मां अपने बेटे की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मामले की जांच कर इसका पता किया। जबकि मृतक के पिता ने अपने पुत्र के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। महिला और उसके दोनों आशिक को पकड़ लिया गया है।
संवाद सहयोगी, भागलपुर। आठ माह से लापता सबौर निवासी अनिल राय के पुत्र कृष्ण नंदन राय की हत्या कर शव को गंगा में बहा दिया गया है। ममता का गला घोंट उसकी मां ने ही यह कुकृत्य किया। यह पर्दाफाश बुधवार को सबौर पुलिस ने किया। पुलिस ने इस मामले में कृष्ण नंदन राय की मां नलनी देवी और उसके दो प्रेमियों गोतनी के दो पुत्र बबलू राय और छोटू राय को गिरफ्तार कर लिया। अनिल राय ने गत दिसंबर माह में अपने पुत्र के अपहरण का मामला थाने में दर्ज कराया था। तकनीकी अनुसंधान में सबौर पुलिस को मामले का पर्दाफाश करने में सफलता मिली।
थानेदार सुनील कुमार झा ने बताया कि बबलू राय और छोटू राय के साथ नलनी देवी के अवैध संबंध थे। बबलू के साथ अपनी मां को कृष्ण नंदन ने आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। बदनामी के भय से मां ने दोनों प्रेमियों के साथ मिलकर बेटे की हत्या की साजिश रची। कृष्ण नंदन रोज की तरह घर से काम पर निकला तो मीराचक बगीचा में तीनों ने उसे दबोच लिया। गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव को गंगा में बहा दिया। तीनों ने पूछताछ में घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
देह व्यापार कांड में आरोपित को नहीं मिली जमानत
जीरोमाइल थाना क्षेत्र के ज्योति विहार कालोनी में चलने वाले देह व्यापार में आरोपित जितेंद्र मंडल उर्फ जीतन मंडल को बुधवार को पाक्सो की विशेष अदालत ने जमानत देने से इन्कार कर दिया। विशेष न्यायाधीश आनंद कुमार सिंह ने बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल की दलीलें सुनी। अपराध की गम्भीरता को देखते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी। जीतन जेल में बंद है।
पूर्णिया जिले की रहने वाली किशोरी को गांव के ही जीतन मंडल ने फरवरी 2019 में अपहरण कर लिया था। वह शौच के लिए घर से निकली थी, तभी अपहरण कर उसे देह व्यापारी के हाथ 30 हजार में बेच दिया था। किशोरी ने तब पुलिस को बताया था कि अपहरण करने के बाद जीतन ने उसे मिथिलेश के हाथ बेच दिया। मिथिलेश उसे ज्योति विहार कालोनी में रखता था। सबसे पहले मिथिलेश ने ही उसके साथ गलत किया। उसे जबरन शराब पिलाई जाती थी। मना करती तो मिथिलेश और उसकी तथाकथित पत्नी उसे पीटती थी। मिथिलेश की तथाकथित पत्नी भी गलत काम करती थी और दूसरी लड़कियों को भी इस दलदल में धकेलती थी। बंगाल की भी कुछ लड़कियां इस रैकेट में लाई गई थीं। उसे चारपहिया वाहन से दूर तक भेजा जाता था। इस दौरान नशे का इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया जाता था। एक साथ दो-तीन लोगों के पास भेज दिया जाता था। मिथिलेश को जो पैसे मिलते थे, वह खुद ही रख लेता था। ठीक से खाना भी नहीं देता था।