प्रसिद्ध सोनाखाल शिव मंदिर से है मोहना चांदपुर की पहचान, जानिए कैसे

पावन गंगा के किनारे अवस्थित मोहना चांदपुर पंचायत को प्रसिद्ध सोनाखल शिव मंदिर ने अलग पहचान दी है। बाढ़-कटाव के साथ दियारा में अपराधियों की सक्रियता के बावजूद विकास के मामले में इस पंचायत नई इबारत लिखी जा रही है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 04:19 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 04:19 PM (IST)
प्रसिद्ध सोनाखाल शिव मंदिर से है मोहना चांदपुर की पहचान, जानिए कैसे
मुखिया, विधायक व सांसद के सहयोग से बदली पंचायत की तस्‍वीर

कटिहार [ प्रवीण आनंद] । पावन गंगा के किनारे अवस्थित मोहना चांदपुर पंचायत को प्रसिद्ध सोनाखल शिव मंदिर ने अलग पहचान दी है। गंगा तट पर मौजूद सोनाखाल शिव मंदिर से कटिहार जिले के नामांकरण की एक कहानी भी जुड़े रहने से इस पंचायत की महत्ता और बढ़ जाती है। बाढ़-कटाव के साथ दियारा में अपराधियों की सक्रियता के बावजूद विकास के मामले में इस पंचायत नई इबारत लिखी जा रही है।

बरारी व मनिहारी प्रखंड के मध्‍य में स्थित है यह पंचायत

बरारी व मनिहारी प्रखंड के मध्य अवस्थित यह पंचायत सोनाखाल शिव मंदिर के कारण पूरे प्रदेश में जाना जाता है। विष्णु पुराण में भी इस पंचायत के सोनाखाल का उल्लेख है। दियारा इलाके में पडऩे वाले इस पंचायत में बारूद की गंध के साथ गुड़ की मिठास भी भरी पड़ी है। बीच के दस वर्षों को छोड़ वर्तमान मुखिया ब्रह्मानंद मंडल की यह दूसरी पारी है। विकास के प्रति सचेष्टता के कारण वे एक बार फिर यहां के मुखिया चुने गए हैं।

नदी पर पुल और गांव की सड़क थी बड़ी समस्‍या, हुआ समाधान

इस पंचायत की सबसे बड़ी समस्या कुंडी नदी पर पुल के साथ गांवों में सड़क की थी। मुखिया के प्रयास से दोनों समस्या का समाधान हो चुका है। कुंडी नदी पर इनके प्रयास ने रंग लाया फलस्वरुप अब यहां पुल बन चुका है। लोगों को नाव की सवारी की मजबूरी से निजात मिल चुकी है। यही नहीं आजमपुर शंकर बांध से सोनाखाल तक सड़क, कुंडी गांव से सरदार नगर तक विधायक और सांसद के प्रयास से सड़क का निर्माण, कुंडी से सोनाखाल तक मुख्यमंत्री सड़क योजना से सड़क की स्वीकृति दिलाने का प्रयास व फिर कार्य आरंभ होना, इस पंचायत के लिए बड़ी उपलब्धि है।

मोहनाचांदपुर में 17 वार्ड में सात निश्चय से पीसीसी सड़क, पंचम वित और चौदहवी वित से पीसीसी सड़क पंन्द्रहवी वित आयोग से स्वच्छता के लिए कूड़ादान व गलियों में स्ट्रीट लाइट लग चुकी है। आज से पांच साल पहले गांव में बिजली नहीं थी। मुखिया के प्रयास से नाव से 400 पोल यहां लाया गया और आज यहां की गलियां रोशन है। बरारी प्रखंड का यह पंचायत ऐसा था, जहां पंचायत भवन तो दूर एक भी सरकारी भवन का निर्माण नहीं हो पाया था। मुखिया के अथक प्रयास से पंचायत में पंचायत सरकार भवन की स्वीकृति दिलाने के साथ बाढ़ के समय लोगों को सरकारी सहायता दिलाने के साथ शिविर का संचालन भी आरंभ कराया गया।

कोरोना काल में लोगों के बीच माक्स, सैनेटाइजर, साबुन का वितरण भी किया गया। मुखिया बह्मनंद साह ने बताया कि पंन्द्रह वर्ष पहले जब पंचायती राज व्यवस्था से मुखिया का चुनाव हुआ था, तो वे पहली बार पंचायत का मुखिया बने थे। उस समय पंचायत मेें मिट्टी भराई, ईंट सोलिग सड़क बनाई गई थी। महिला आरक्षण के कारण दो टर्म दस वर्ष बाद पुन: आरक्षण खत्म होने केे बाद वे मुुखिया बने हैं। इस बार के कार्यकाल में गली मोहल्ले में पीसीसी ढलाई सड़क, लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण, प्रधानमंत्री आवास के साथ वृद्धा, द्विव्यांग, विधवा पेंशन योजना का लाभ लोगों को दिलाया गया। पंचायत में बरसात के समय जो सड़क चलने लायक नहीं थी, उस पर आज लग्जरी दौड़ रही है।

क्या कहते हैं ग्रामीण:

ग्रामीण उमेश चौधरी ने कहा कि पंचायत में पहली बार जब ब्रह्मानंद साह मुखिया बने थे तब विकास हुआ। उसके बाद दस साल बाद जब पुन: बह्मनंद साह मुखिया बने तब पुन: विकास को रफ्तार मिली है। मुखिया के अथक प्रयास और पूर्व विधायक नीरज कुमार के कारण कुंडी नदी पर पुल बना। इस कारण रात हो या बरसात आसानी से गांव आ जा सकते है। विनेश्वर राम ने कहा कि मोहनाचांदपुर गंगा के तट पर बसा हुआ सबसे पिछड़ा पंचायत था। जहां सड़क, स्वच्छ जल, बिजली नहीं थी। गांव में यह सब होगा, ऐसा विश्वास नहीं था, लेकिन पंचायती राज व्यवस्था में मुखिया के प्रयास से सब कुछ संभव हुआ है।

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