CTS भागलपुर के प्राचार्य ने प्रोपर्टी डीलर से सिटी एएसपी के नाम ली थी मोटी रकम, हुआ भंडाफोड़ तो खूब हुई थी फजीहत, अब
अनिल का नाम हटाने को हुई 12 लाख की डील में एसएसपी से डीआइजी ने फिर मांगी जांच रिपोर्ट। एसएम कालेज रोड में 12 जून 2021 की देर शाम हुई थी गोलीबारी। डीआइजी ने जांच रिपोर्ट शीघ्र समर्पित करने को कहा है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बरारी थानाक्षेत्र के एसएम कालेज रोड खंजरपुर में 12 जून 2021 की देर शाम हुई गोलीबारी में नामजद प्रोपर्टी डीलर अनिल यादव का नाम हटाने को लेकर हुई 12 लाख की डील की जांच रिपोर्ट नहीं मिलने पर डीआइजी तल्ख हैं। डीआइजी सुजीत कुमार ने शुक्रवार को एसएसपी निताशा गुड़िया को उस मामले में अबतक जांच रिपोर्ट नहीं भेजे जाने पर स्मरण दिलाया है। डीआइजी ने जांच रिपोर्ट शीघ्र समर्पित करने को कहा है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
मालूम हो कि एसएम कालेज रोड स्थित एक बेशकीमती भूखंड पर कब्जे को लेकर 12 जून 2021 को गोलीबारी हुई थी। गोलीबारी में हनी साह समेत उसके तीन भाई जख्मी हुए थे। उस मामले में तब अभिषेक सोनी, कुख्यात कपिल यादव, प्रोपर्टी डीलर अनिल यादव समेत कई नामजद किये गए थे। इन्हीं आरोपितों में अनिल यादव का नाम पर्यवेक्षण में कटवा देने को लेकर 12 लाख की डील हुई थी। उक्त डील में सीटीएस के प्राचार्य मिथिलेश कुमार को रकम दी गई थी। रकम तत्कालीन सहायक नगर पुलिस अधीक्षक पूरण झा के नाम पर ली गई थी। उसका भंडाफोड़ तब हुआ जब अनिल को हिरासत में ले लिया गया था। जब अनिल और उसकी पत्नी ने डील की बात सामने लाते हुए 12 लाख रुपये की लेनदेन का आरोप लगा लिखित अर्जी दी थी। उसी मामले में डीआइजी ने जांच रिपोर्ट मांग रखी थी। करीब दो माह बाद भी जांच रिपोर्ट डीआइजी की टेबल तक नहीं पहुंच स्की है।
एसएम कॉलेज रोड, खंजरपुर स्थित बेशकीमती भूखंड पर कब्जे को लेकर त्रिगुण राय और लोकपाल साह के बीच चल रहे विवाद में त्रिगुण की बहू ने भू-माफिया अभिषेक सोनी से संपर्क साध उसी से जमीन का सौदा तय कर लोकपाल और उसके परिवार को झटका देना चाहा था। विवादित जमीन को सलटाने में माहिर अभिषेक ने जमीन बेशकीमती और अच्छे लोकेशन में होने के कारण अपनी रकम फंसाने के बजाय एक बड़े प्लाटर अनिल यादव से डील कर ली थी। अबतक के पुलिसिया तफ्तीश में यह बात सामने आई है कि कमलनगर के अनिल यादव से अभिषेक ने एक करोड़ में उक्त जमीन की डील की थी।
अनिल ने सौदा पक्का करने के पहले उक्त भूखंड के सभी कील-पत्थर हटाने का प्रस्ताव दिया था। अभिषेक ने अनिल को तब विश्वास दिलाया थाकि वह उक्त जमीन पर कब्जा कराने के बाद रकम लेगा। कुख्यात कपिल यादव और उसके साथियों को लगाया गया था। इसबीच अनिल और 12 लाख की डील बाद जमीन कब्जा वाला मामला ठंडे बस्ते में चला गया।मामले में जांच चल रही है।