मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय: नवमी से 12वीं तक के लिए आज से शुरू होगी कक्षाएं, जानिए... कैसे करें पढ़ाई
मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से दूरदर्शन के डीडी बिहार चैनल पर इसका होगा प्रसारण। नवमी एवं 10 वीं की सुबह 10 से 11 एवं 11 वीं व 12वीं की कक्षाओं का 11 से 12 बजे तक होगा प्रसारण
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। जिले के सरकारी हाईस्कूलों एवं प्लस टू विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियाें के लिए लाकडाउन में अब पढ़ाई की उम्मीद जगी है। वे भी अब निजी विद्यालय की तरह कक्षा का आनंद ले सकेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पहल शुरू की है। सोमवार यानि 10 मई से नवमीं से 12वीं तक की कक्षाएं सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक लगेंगी। यह कक्षाएं एक-एक घंटे की होगी। इसका प्रसारण बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से दूरदर्शन के डीडी बिहार चैनल पर मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय कार्यक्रम के तहत होगा। इसमें नवमी एवं 10वीं कक्षाओं के लिए कार्यक्रम का प्रसारण सुबह 10 से 11 बजे तक किया जाएगा।
11 से दोपहर 12 बजे तक कक्षा 11 वीं से 12 वीं तक के लिए कक्षाओं का प्रसारण किया जाएगा। इस संबंध में सभी उच्च एवं प्लस टू विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को डीईओ श्याम बाबू राम ने पूर्व में ही सूचना दी है। साथ ही विद्यार्थियों के द्वारा इस प्रसारण को देखा जाना सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया गया है। प्रधानाध्यापकों ने भी अपने-अपने विद्यालयों में ग्रुप के माध्यम से विद्यार्थियों को सूचनाएं भेजी हैं।
राजा पृथ्वीचंद उच्च विद्यालय, पूर्णिया सिटी के प्रधानाध्यापक अशोक प्रसाद यादव ने बताया कि विद्यालय के कक्षा नवमीं से 12 वीं तक के सभी विद्यार्थी को वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सूचना दी गई है। साथ ही सभी शिक्षकों को भी कक्षाओंं का प्रसारण देखकर इसका लाभ विद्यार्थी तक पहुंचाने की बात कही गई है। विदित हो कि जिले में लगभग 265 हाईस्कूल है। इसमें 60 से अधिक प्लस टू विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में लगभग एक लाख विद्यार्थी नामांकित हैं। जिन्हें इस प्रसारण से लाभ होगा।
टीवी एवं मोबाइल की अनुपलब्धता बनेगी समस्या
इस कार्यक्रम का प्रसारण देखने के लिए विद्यार्थी तक टीवी या फिर एंड्राॅयड मोबाइल फोन होना अनिवार्य है। ग्रामीण एवं गरीब परिवार में इसकी उपलब्धता नहीं होने से विद्यार्थी इससे वंचित रह जाएंगे। प्रधानाध्यापकों की मानें तो सरकारी विद्यालयों में अधिकांश ग्रामीण परिवेश के गरीब बच्चे होते हैं। जो घर पर रहते हुए अपने परिवार के काम में भी हाथ बंटाते हैं। उस समय में बिजली का भी रहना आवश्यक है। यह विभाग की अच्छी पहल है। लाकडाउन की परिस्थितियों में विद्यार्थी को इसका समुचित लाभ उठाना चाहिए।