एक सांसद ऐसे भी... आज तक नहीं काटे केक, बर्थडे पार्टी को मानते हैं फिजूलखर्ची, मृत्यु भोज भी नहीं करते ग्रहण

आज बांका के सांदस गिरिधारी यादव का जन्‍मदिन है। उन्‍होंने 60 साल पूरे कर लिए हैं लेकिन आज तक उन्‍होंने कभी भी अपने जन्‍मदिन पर केक नहीं काटे हैं। वे इस प्रथा को फि‍जूलखर्ची मानते हैं। साथ ही मृत्‍यु भोज में भी शामिल नहीं होते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 08:39 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 08:39 AM (IST)
एक सांसद ऐसे भी... आज तक नहीं काटे केक, बर्थडे पार्टी को मानते हैं फिजूलखर्ची, मृत्यु भोज भी नहीं करते ग्रहण
आज बांका के सांदस गिरिधारी यादव का जन्‍मदिन है।

जागरण संवाददाता, बांका। बांका के जदयू सांसद गिरिधारी यादव का आज बुधवार को 61वां जन्मदिन है। उन्होंने 60 वर्ष पूरे कर लिए हैं। जन्मदिन के मौके पर उन्हेंं बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन इससे इतर सांसद इस परंपरा को फिजूलखर्ची मानते हैं। यहीं कारण है कि उन्होंन आज तक अपना जन्मदिन नहीं मनाया है और न ही जन्मदिन के मौके पर केक काटे हैं।

दरअसल, इसके पीछे एक दर्द भरी कहानी है। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के दौरान सांसद ने अपने बचपन के दिनों की बातें साझा की। उन्होंने कहा कि वे मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। बचपन से ही उनलोगों ने अपने आसपास लोगों को संघर्ष करते देखा है। ऐसे में बचपन से जवानी तक कभी उनके के जेहन में जन्मदिन मनाने का ख्याल भी नहीं आया। जहां भी जरूरत हुई लोगों की मदद की। राजनीति में आने के बाद मेरे लिए लोगों की खुशी ही सबकुछ है। ऐसे में हमने कभी भी जन्मदिन मनाने का नहीं सोचा।

मृत्यु भोज भी नहीं करते ग्रहण

जन्मदिन के अलावा सांसद मृत्यु भोज में भी शामिल नहीं होते हैं। अगर किसी श्रद्धकर्म में जाते भी हैं तो वहां भोजन नहीं करते हैं। पीडि़त परिवार को सांत्वना देकर लौट आते हैं। पिछले साल उनकी माता का निधन हो गया था। मां के निधन पर उन्होंने मृत्यु भोज का आयोजन नहीं किया था। सांसद ने बताया कि वे जहां भी जाते हैं लोगों से भी मृत्यु भोज नहीं करने की अपील करते हैं। उनका मानना है कि यह समाज के लिए ठीक परंपरा नहीं है। इसके अलावा जिले में गवली पूजा पर लोग लाखों खर्च करते है। सांसद ने ऐसे आयोजन पर रोक के लिए युवाओं की टीम गठित की है। टीम के द्वारा फिजूलखर्ची पर रोक लिए प्रेरित भी लोगों को करते है। इस कारण 20 प्रतिशत तक ऐसे आयोजन पर रोक लगी है।  

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