जेएलएनएमसीएच में एक माह से पानी नहीं, मरीजों को खरीदकर बुझानी पड़ रही प्यास

पूर्व बिहार के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में पिछले एक महीने से पानी नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Mar 2021 02:11 AM (IST) Updated:Sat, 13 Mar 2021 02:11 AM (IST)
जेएलएनएमसीएच में एक माह से पानी नहीं, मरीजों को खरीदकर बुझानी पड़ रही प्यास
जेएलएनएमसीएच में एक माह से पानी नहीं, मरीजों को खरीदकर बुझानी पड़ रही प्यास

भागलपुर। पूर्व बिहार के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में पिछले एक महीने से पानी नहीं है। तकरीबन सभी विभागों की आरओ मशीनों के खराब पड़े रहने से यहां इमरजेंसी से लेकर इनडोर और आउटडोर विभाग में इलाज कराने आने वाले 500 से भी अधिक मरीजों को हर दिन पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। आब्स गायनी विभाग में तो हाथ धोने के लिए भी पानी नहीं है। मजबूरन सभी बाजार से खरीदकर पानी पी रहे हैं। गर्मी के बढ़ते ही समस्या और अधिक विकराल हो गई है। पर अस्पताल प्रबंधन को इससे कोई मतलब नहीं है। अधिकारी एसी चेंबर में बैठ मजे से अपनी नौकरी बजा रहे हैं। समस्या बताने पर अनभिज्ञता जाहिर कर निकल जाते हैं। शुक्रवार को अस्पताल में 476 मरीज भर्ती थे।

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आउटडोर विभाग में आरओ मशीन ताले में कैद

आउटडोर विभाग में प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है जल संकट की वजह से यहां आने वाले मरीजों की भी परेशानी बढ़ती जा रही है। विभाग की आरओ मशीन एक माह से खराब है। पर स्वास्थ्य प्रबंधक को इसकी चिता नहीं है। मानसिक रोग विभाग के चिकित्सकों और नर्सो को भी पानी घर से लाना पड़ता है। इमरजेंसी विभाग

इमरजेंसी में अभी 22 मरीज भर्ती हैं। यहां की भी आरओ मशीन खराब है। कर्मचारियों ने कहा कि पीने का पानी नहीं रहने से स्वजन परेशान रहते हैं। मरीज के साथ एक ही स्वजन को रहने की अनुमति है। ऐसे में अगर वे पानी की व्यवस्था के लिए बाहर चले जाते हैं तो मरीज की देखरेख करने वाला कोई नहीं रहता। सर्जरी विभाग

इनडोर सर्जरी विभाग तीन मंजिला पर है। यहां पहुंचने के लिए तकरीबन 50 सीढि़यां चढ़नी पड़ती हैं। पानी के लिए बार-बार नीचे उतरने पर स्वजन परेशान हो जाते हैं। इस विभाग में आइसीयू भी है। इसमें भर्ती मरीजों को प्रतिदिन 400 रुपये शुल्क देने पड़ते हैं। बावजूद इसके मरीजों को पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है। मेडीसीन विभाग

इनडोर मेडिसीन विभाग में 106 मरीज भर्ती हैं। यहां भी गंभीर मरीजों को भर्ती करने के लिए एचयूडी है। प्रतिदिन चार सौ रुपये शुल्क लिए जाते हैं फिर भी पेयजल की व्यवस्था नहीं है। हड्डी विभाग में 80 मरीज भर्ती हैं। यहां भी आरओ मशीन लगाई गई थी। पर अब उसका नामोनिशान तक मिट गया है। आब्स गायनी

आब्स गायनी में प्रसव करवाया जाता है। प्रसूताओं के अलावा वैसी महिलाएं भी भर्ती हैं जिनका प्रसव होना है। यहां भी पेयजल का अभाव है। प्रसव कक्ष में एक सप्ताह से पानी की आपूर्ति बंद है। इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी गई है। पर सुनवाई नहीं हुई। कर्मचारियों को हाथ धोने के लिए भी पानी की व्यवस्था बाहर से करनी पड़ रही है।

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कोट :-

स्वास्थ्य प्रबंधकों से आरओ खराब होने और पानी की व्यवस्था नहीं होने की जानकारी मांगी गई है, ताकि पेयजल की व्यवस्था कराई जा सके।

- डॉ. अशोक भगत, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच

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