सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों की तैयार होगी मेडिकल हिस्ट्री

मेडिकल हिस्ट्री तैयार करने के पीछे कारा मुख्यालय का उद्देश्य कोरोना संकट से निपटना है। इसके जरिए गंभीर रोगों से ग्रसित दोनों श्रेणी के कैदियों की विशेष देखभाल करना है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 02:50 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 02:50 PM (IST)
सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों की तैयार होगी मेडिकल हिस्ट्री
सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों की तैयार होगी मेडिकल हिस्ट्री

भागलपुर, जेएनएन। सूबे की जेलों में बंद सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों की अब मेडिकल हिस्ट्री तैयार होगी। यानी जेल में बंद दोनों श्रेणी के कैदियों की आपराधिक रिकार्ड के साथ-साथ अब मेडिकल हिस्ट्री भी तैयार होगी। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। मेडिकल हिस्ट्री तैयार करने के पीछे कारा मुख्यालय का उद्देश्य कोरोना संकट से निपटना है। इसके जरिए गंभीर रोगों से ग्रसित दोनों श्रेणी के कैदियों की विशेष देखभाल करना है। मेडिकल हिस्ट्री ही उन्हें पैरोल पर छोडऩे का भी आधार बनेगी।

भागलपुर की शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा और विशेष केंद्रीय कारा में कोरोना वायरस के घुसपैठ ने जेल प्रशासन को चिंता में डाल रखा है। यहां की जेल में बंद चार कैदियों की कोरोना से मौत हो चुकी है। दो कैदी और एक सिपाही भी संक्रमित पाए गए हैं। कारा मुख्यालय इसको लेकर ज्यादा चिंतित है कि कैदियों की जान को खतरा ज्यादा है। वे कई तरह की गंभीर बीमारी से पहले से ग्रसित हैं। इसलिए जेल में पहल  से मौजूद दोनों श्रेणी के कैदियों के अलावा अब जेल में प्रवेश करने वाले कैदियों की बाकायदा स्वास्थ्य जांच कराई जाएगी। उनकी मेडिकल हिस्ट्री तैयार करने का फायदा होगा कि कैदी किस बीमारी से पीडि़त हैं यह उनकी मेडिकल हिस्ट्री में पहले से दर्ज रहेगी। ऐसे में गंभीर रोग से ग्रसित कैदियों को पैरोल पर मुक्त करने में भी सहूलियत होगी।

गंभीर रोग से ग्रसित रोगियों को कैदियों के जत्थे से अलग अस्पताल वार्ड, आइसोलेशन वार्ड या गंभीर रोग से ग्रसित रोगियों के खास वार्ड में रखा जा सकेगा।

chat bot
आपका साथी