बीपी मरीजों को चिकित्सकीय सलाह : नमक कम खाएं, सुबह में टहलें
बीपी मरीजों को घर में भी जांच मशीन रखनी चाहिए। अगर बीपी कम नहीं हो रहा है तो दिन और रात में एक बार बीपी जांच अवश्य करनी चाहिए। मरीज को सुबह टहलना आवश्यक है।
भागलपुर [जेएनएन]। बदलती जीवनशैली के चलते अब युवा भी बीपी के मरीज होने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी अब इससे अछूते नहीं हैं। आइएमए में आयोजित प्रेसवार्ता में डॉ. डीपी सिंह ने कहा कि बीपी कंट्रोल नहीं होने की स्थिति में हृदय रोग, अंधापन और लकवा आदि होने की आशंका रहती है। इसे साइलेंट कीलर भी कहा जाता है।
एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन भागलपुर शाखा के सचिव डॉ. राजीव सिन्हा ने कहा कि देश की 33 फीसद आबादी बीपी से पीडि़त है। बीपी मरीजों को घर में भी जांच मशीन रखनी चाहिए। अगर बीपी कम नहीं हो रहा है तो दिन और रात में एक बार बीपी जांच अवश्य करनी चाहिए। मरीज को सुबह टहलना आवश्यक है।
वहीं, प्रतिदिन पांच ग्राम से कम नमक खाना चाहिए। क्योंकि ज्यादा नमक का सेवन बीपी को बढ़ाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों का शारीरिक श्रम कम हो गया है। ज्यादातर अब मशीन द्वारा ही खेती के कार्य किए जा रहे हैं। अत: शारीरिक श्रम नहीं हो पाता। शहरी क्षेत्रों में बच्चे हो या युवाओं का शारीरिक श्रम नहीं कर पाते।
मोबाइल में व्यस्त रहने की वजह से आउटडोर गेम बंद हो गया हे। फास्ट फूड का सेवन भी मोटापा बढ़ा रहा है। अगर शारीरिक श्रम करें और खानपान पर ध्यान रखें तो बीपी से बचाव किया जा सकता है। इस अवसर पर आईएमए के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार, सचिव डॉ. अमिताभ सिंह, डॉ. शांतनु घोष उपस्थित थे।
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