माओवादियों ने बनाया साइबर ठगी सेल, सिम धारकों के सत्यापन में चौंकाने वाली बातें आ रही सामने, जानिए
भागलपुर के बाथ बांका के बेलहर समेत झारखंड के गिरीडीह और धनबाद के जंगल क्षेत्र में सक्रिय माओवादी संगठन से जुड़े लोगों के नाम मिले हैं सिम। माओवादी पार्टी के यूथ विंग के सदस्यों को जामताड़ा में दिलाने लगे है साइबर ठगी का प्रशिक्षण।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। सुरक्षाबलों और स्थानीय पुलिस के संयुक्त नक्सली उन्मूलन अभियान से अपने प्रभाव वाले क्षेत्र से मिलने वाली लेवी में आई कमी का तोड़ माओवादी साइबर ठगी सेल गठित कर पूरा करने में लगे हैं। उनके खिलाफ लगातार चलने वाले सर्च ऑपरेशन और सुरक्षा बलों के कैंप बनने से पार्टी दस्ते में मची भगदड़ से लेवी में कमी आई है। नक्सल प्रभावित इलाके में ठेका कंपनियों, ठीकेदारों और पूंजीपतियों से मिलने वाली लेवी में आई कमी को पूरा करने के लिए माओवादी कमांडरों ने पार्टी दस्ते के यूथ विंग को साइबर ठगी के क्षेत्र में निपुण बना शुरू कर उनसे साइबर अपराध कराने में लगे हैं। इसके लिए बाकायदा उन्होंने साइबर क्राइम के लिए कुख्यात झारखंड के जामताड़ा में प्रशिक्षण दिला रखे हैं।
प्रशिक्षण की यह कवायद माओवादियों की जारी है। साइबर अपराध में माओवादियों की इस ताजा संलिप्तता का भांडा प्रयागराज के खुल्लाबाद, दरभंगा कॉलोनी, बमरौली और करछना इलाके में साइबर ठगी बाद वहां की पुलिस टीम को जांच में फूटा है। सिम धारकों में बिहार-झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके में रहने वाले लोग सामने आने लगे हैं। भागलपुर के बाथ्, सजौर और ईशीपुर बाराहाट के अलावा बांका के बेलहर और बेलहर सीमा से सटे जमुई जिले के चट्टीखिलाड़ी इलाके के रहने वाले व्यक्ति के नाम और पते पर सिम जारी किए गए हैं।
तफ्तीश में भागलपुर के बाथ, सजौर और झारखंड सीमा से लगे ईशीपुर बाराहाट और बांका के बेलहर, जमुई के अलावा झारखंड के गिरीडीह जिले के पीरटांड़ और बेंगाबाद और धनबाद जिले के टुंडी और लोयाबाद इलाके के सिम धारकों के नाम तफ्तीश में सामने आए हैं जिनके माओवादी संगठन से जुड़े हाेने की बात भी प्रारंभिक तफ्तीश में सामने आई है। प्रयागराज की पुलिस को उन सिम नंबरों के लोकेशन नक्सल प्रभावित इलाके में मिले हैं। गरभू कोड़ा, मनिया कोड़ा, दोहा टुडु, बलिहारी मुर्मू, गोपाल यादव, शुकुर मंडल, मंटू भुइयां, मनवा घटवार आदि के नाम पर सिम जारी किए गए हैं। जिनका माओवादी संगठन से ताल्लुुक हैं। वहां की पुलिस ने बिहार और झारखंड पुलिस से उनकी गिरफ्तारी के लिए संपर्क साधा है। खुफिया अधिकारियों ने भी हाल में माओवादी संगठन के तार साइबर क्राइम से जुड़ने की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी है।
बंदूक थामने वाले हाथ सीख रहे ऑनलाइन ठगी के गुर
माओवादियों ने झारखंड के जामताड़ा के जंगल में ऑनलाइन फ्राॅड की ट्रेनिंग अपने यूथ विंग में शामिल लड़के-लड़कियों को दिला रहे हैं। बंदूक थाम लाल सलाम बोल सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी समेत स्थानीय पुलिस बलों पर गोलियां बरसाने वाले युवक अब ऑनलाइन फ्रॉड की ट्रेनिंग ले साइबर क्राइम करने लगे हैं। घने जंगल के बीच जामताड़ा में चलने वाले ऑनलाइन फ्रॉड कैंप से प्रशिक्षण लेकर माओवादी का यूथ विंग बैंक अधिकारी, कंपनी अधिकारी और मोबाइल कंपनियों का अधिकारी बता पल में लोगों के खातों से लाखों का चूना लगा रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी भी जंंगल क्षेत्र में होने की वजह से नहीं हो पाती है।
साइबर ठगी बड़ा अपराध है जिसे पुलिस स्वीकार कर उनसे निपटने की तमाम जतन कर रही है। केवल दर्ज केस पर ही पुलिस संज्ञान नहीं ले रही बल्कि इनसे निपटने के लिए साइबर सेनानी ग्रुप भी हर थाने स्तर पर गठित किया गया है ताकि उसकी रोकथाम में लोगों का भी बेहतर सहयोग मिले। साइबर सेल उनसे निपटने की सभी फौरी तैयारी कर रखी है। नक्सलियाें से उनके तार जुड़ने की बात नई है। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया जा रहा है। - सुजीत कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक, भागलपुर रेंज।