हनुमान जयंती : रामदूत अतुलित बल धामा... अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा
कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका इस बार हुनमान जयंती पर लोगों ने घरों में ही पूजा-पाठ किया। विहिप और आरएसएस कार्यकर्ताओं ने भी पूजन किया। मंदिरों में कम भीड़ रही।
भागलपुर, जेएनएन। पवनपुत्र हनुमान का जन्मोत्सव जिले भर में बुधवार को श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। इस दौरान कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लोगों ने घरों में शारीरिक दूरी बनाकर पूजा अर्चना की। मंदिर में पूजा अर्चना करने लोग नहीं आए। भक्तजनों ने लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन किया। मंदिरों में पूजारियों ने हनुमान जी की पूजा विधि पूर्वक की। सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का भी पाठ किया।
शहर के घंटाघर चौक, त्रिमूर्ति चौक, भीखनपुर, आदमपुर, खंजरपुर, तिलकामांझी, चंपानगर आदि मंदिरों में हनुमान जी की पूजा के बाद ताला बंद कर दिया गया। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने भगवान हनुमंत की जयंती भी धूमधाम से मनाई। लॉकडाउन के बाद भी कुछ भक्तों को मंदिरों में पूजा करते देखा गया। अद्भुत हनुमान मंदिर में भी हनुमान जी पूजा हुई। मंदिरों में लोग नहीं के बाराबर आए। लोगों ने घरों में हनुमान जी की पूजा की।
हनुमान चालीसा का पाठ
इधर विहिप के विभाग मंत्री पारस शर्मा के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों में जयंती के इस पावन अवसर पर 11-11 बार हनुमान चलीस का पाठ किया। कई विहिप कार्यकर्ताओं ने सुंदरकांड का भी पाठ किया। पारस शर्मा ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी और इससे जुड़े संगठन हनुमान जयंती पूरे धूमधाम से मनाते थे। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण को खुद और लोगों को बचाने के लिए विहिप ने सभी ने अपने-अपने घरों में ही हनुमान जी की पूजा करने का आह्वान किया था। कार्यकर्ताओं ने भी अपने-अपने घरों में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया।
हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य थे
हनुमान जयंती पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर-पूर्व क्षेत्र (बिहार और झारखंड) प्रचारक रामदत्त चक्रधर ने कहा कि आज अपना देश और दुनिया एक वैश्विक महामारी से जूझ रहा है। भारत संकल्प और संयम के बल पर इस वैश्विक महामारी (कोरोना वायरस के संक्रमण) से विजयी होगा। उन्होंने कहा के कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने और लोगों को बचाने के लिए स्वयंसेवक इस नियम का दृढ़तापूर्वक पालन कर रहे हैं। शारीरिक दूरी बनाकर रखते हैं। उन्होंने कहा कि हुनमान जी का जीवन हमसब के लिए प्रेरणादायी है। हनुमान हम सबके प्रेरणाश्रोत हैं। हनुमान जी ज्ञानियों में अग्रगण्य थे।