सृजन घोटाले में कई नए चेहरे आ सकते हैं सामने, भागलपुर के विपिन शर्मा को रिमांड पर लेने की तैयारी में ED

सृजन घोटाले में कई और नाम सामने आ सकते हैं। इसके लिए सीबीआइ ने जांच और तेज कर दी है। साथ ही विपिन शर्मा को रिमांड पर भी लेने की तैयारी की जा रही है। पूछताछ के दौरान कई अहम सुराग...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 10:48 AM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 10:48 AM (IST)
सृजन घोटाले में कई नए चेहरे आ सकते हैं सामने, भागलपुर के विपिन शर्मा को रिमांड पर लेने की तैयारी में ED
सृजन घोटाले में कई और नाम सामने आ सकते हैं।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। सृजन घोटाले में कई नए चेहरे सामने आ सकते हैं। सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव मनोरमा देवी के करीबी रहे विपिन शर्मा की गिरफ्तारी के बाद ऐसे लोग भूमिगत हो गए हैं। ईडी विपिन शर्मा को जल्द ही रिमांड पर लेकर पूछताछ करने वाली है। जिसमें कई कारोबारी और राजनेता का चेहरा सामने आने की संभावना है। विपिन शर्मा की राजनीतिक पहुंच होने के कारण कई नेताओं का सृजन महिला विकास सहयोग समिति में आना-जाना था।

कई अधिकारियों को सृजन से विपिन के माध्यम से उपहार मिला करता था। सृजन के पैसे से कई लोग आज बड़े कारोबारी बन गए हैं। ऐसे चेहरे सीबीआइ की जांच में सामने नहीं आए हैं। विपिन से पूछताछ के बाद ऐसे छुपे चेहरे सामने आ जाएंगे। विपिन ने अरबों रुपये का कारोबार खड़ा कर लिया है। जिसका पता सीबीआइ अभी तक नहीं लगा सकी है। करोड़ों रुपये की गुमनाम संपत्ति अपने रिश्तेदारों के नाम बना रखी है।

पीके ने उगले थे कई राज

मनी लांड्रिंग के केस में फंसे पीके घोष ने ईडी की कड़ी पूछताछ में कई अहम राज उगले थे। ईडी के अधिकारी ने पीके को अगस्त में रिमांड पर लिया था। पीके ने सृजन से जुड़े कई नामों का खुलासा किया था। बैंक और सरकारी अधिकारियों के नाम भी उसने उजागर किए थे। पीके ने विपिन के संबंध में भी अहम जानकारी दी थी। उसने बताया था कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव मनोरमा देवी के प्राणवती लेन स्थित आवास पर बैठकी होती थी।

यहीं बैंक के अधिकारी और सरकारी अधिकारी जुटते थे। विपिन मनोरमा देवी के काफी करीबी थे। राजू की भी घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका थी। वह सरकारी अधिकारियों को मैनेज करता था। मनोरमा के आगे किसी की भी दबंगई नहीं चलती थी। मुंह खोलने वालों को डांटकर चुप करा देती थी। चेक के कटते ही तत्काल जानकारी मनोरमा तक पहुंच जाती थी। मनोरमा खुद भी चेक लेने के लिए पहुंच जाती थी। उसकी अधिकारियों के बीच अच्छी पकड़ थी।

बैंक अधिकारी तक चेक पहुंचने के पहले मनोरमा के पास चेक पहुंच जाता था। राशि निकालने से संबंधित चेक कटने की जानकारी भी मनोरमा तक पहुंच जाती थी। तत्काल मनोरमा उतनी राशि बैंक में जमा करा देती थी। इस कारण यह खेल चलता रहा है। घोटाले की राशि का उपयोग जमीन खरीद-फरोख्त और व्यवसाय में लगाया जाता था। उसने बताया कि जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी सृजन में राशि जमा कराने के लिए विभागीय अधिकारियों पर दबाव बनाते थे।

मनोरमा सबसे अधिक विपिन को मानते थे, इस कारण अधिक राशि उसे दी जाती थी। राजू को भी अच्छी खासी रकम मिलती थी। विपिन ने अपने परिजनों के लिए भी अच्छी खासी संपत्ति अर्जित की है। पीके ने अपनी संपत्ति के संबंध में भी ईडी को जानकारी दी है। फरार मनोरमा के बेटे अमित कुमार व रजनी प्रिया समेत कुछ रिश्तेदारों की संपत्ति के बारे में भी उसने बताया था। घोष ने छह लोगों के नाम ईडी को बताए थे, जिन्होंने सृजन के पैसे से अपना कारोबार फैलाया है।  

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