भागलपुर के इस सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में पुरुष करते हैं महिलाओं का बंध्याकरण

भागलपुर के शाहकुंड सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में 16 एमबीबीएस चिकित्सकों की की जगह तीन और एक दंत चिकित्सक तैनात है। शाहकुंड बाजार में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है बड़ी आबादी। दो वर्ष पूर्व 6 बेड के पीएचसी से 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड हुआ था।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 09:48 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 09:48 AM (IST)
भागलपुर के इस सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में पुरुष करते हैं महिलाओं का बंध्याकरण
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहकुंड में चिकित्‍सक की कमी है।

शाहकुंड (भागलपुर) [शैलेंद्र ठाकुर]। भागलपुर जिले के शाहकुंड प्रखंड की ढाई लाख आबादी पर मात्र एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। शाहकुंड बाजार में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीते दो वर्ष पूर्व 6 बेड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड हुआ था। ग्रामीण क्षेत्र की एकमात्र स्वास्थ्य सेवा इसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे निर्भर रहती है, लेकिन यहां पर चिकित्सकों की काफी कमी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जहां 16 एमबीबीएस चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति होनी चाहिए थी, वहां महज तीन एमबीबीएस चिकित्सक एवं एक दंत चिकित्सक तैनात हैं।

महिला चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति नहीं होने से यहां पर महिलाओं का बंध्याकरण भी पुरुष चिकित्सक ही करते हैं। हालांकि उक्त अस्पताल में मानक के अनुसार भवन, बेड, साफ-सफाई एवं रोशनी की बेहतर व्यवस्था से अस्पताल अपनी बाहरी छवि से मरीजों का दिल जीत लेता है, लेकिन इससे ठीक इतर स्वास्थ सेवा में अस्पताल की अंदरूनी हालत बदतर है जो सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अपडेट करने की पोल खोल रही है। मरीजों को उक्त अस्पताल में जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही हैं।

बेड रहते बरामदे में किया इलाज

सरौनी गांव की महिला मरीज कबूतरी देवी अपनी बहू खुशबू देवी को इलाज कराने हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहकुंड लेकर आई थी, लेकिन बेड रहने के बावजूद भी खुशबू देवी को बरामदे पर बेड लगाकर इलाज किया जा रहा था। इस बाबत खुशबू देवी की सास कबूतरी देवी ने बताया कि मेरी बहू को कोरोना का टीका लेने से बुखार आ गया था। उसे दिखाने के लिए मैं अस्पताल आई हूं, लेकिन चिकित्सक बरामदे पर ही बेड लगाकर मेरी बहू का इलाज कर रहे हैं, जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त बेड की संख्या है। बावजूद मरीजों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।

समय पर नहीं पहुंचते चिकित्सक

यहां पर ओपीडी में लगभग एक सौ से ज्यादा मरीजों का रजिस्ट्रेशन प्रतिदिन किया जाता है। हालांकि रविवार को ओपीडी बंद था सिर्फ इमरजेंसी सेवा बहाल थी। इमरजेंसी सेवा में प्रसव एवं बंध्याकरण किया जा रहा था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहकुंड में कार्यरत चिकित्सक ज्यादातर भागलपुर से ही आते-जाते हैं, जिसके कारण समय पर अस्पताल नहीं आ पाते हैं। सिर्फ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. जयप्रकाश ङ्क्षसह अपना आवासन शाहकुंड में ही रखे हुए हैं, जिससे इमरजेंसी सेवा में भी मरीजों का इलाज प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा ही अक्सर किया जाता है।

एंबुलेंस की नहीं है व्यवस्था

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस की भी कमी के कारण गंभीर मरीजों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाने से कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। हालांकि गंभीर रोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं हो पाता है। अस्पताल में ट्रेसर एवं कंपाउंडर की कमी के कारण महरम-पट्टी एएनएम को ही करनी पड़ती है। चाहे वह पुरुष मरीज हो या महिला। बीते शनिवार को 21 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया था जो खुद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. जयप्रकाश सिंह ने ही किया गया।

सिर्फ सर्दी-जुकाम और बुखार को होता है इलाज

वहीं, दुर्घटनाग्रस्त गंभीर मरीजों को मायागंज भागलपुर ही रेफर किया जाता है। यहां पर महज सर्दी, जुकाम, बुखार का ही इलाज संभव हो पाता है। इसके अलावा प्रसव एवं बंध्याकरण भी किया जाता है। कायाकल्प योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था की गई है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के शौचालय की व्यवस्था अपेक्षाकृत काफी कमी देखी गई। हालांकि स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार रोहित ने बताया कि साफ-सफाई के लिए स्वीपर कार्यरत है।

अस्पताल में जितने भी संसाधन मौजूद हैं उनसे अस्पताल का संचालन अच्छी तरह से किया जा रहा है। साफ-सफाई, पेयजल, एवं दवा की पर्याप्त व्यवस्था है। हालांकि चिकित्सकों की कमी है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि कोरोना की जांच और टीकाकरण में शाहकुंड अस्पताल अव्वल है। अब तक शाहकुंड अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज लेने वाले की संख्या 23 अक्टूबर तक 76 हजार 220 है, जबकि सेकंड डोज लेने वाले की संख्या 25 हजार 900 है। टीकाकरण पर अस्पताल में तेज गति से काम हो रहा है। इसके लिए 9 बजे सुबह से 9 बजे रात्रि तक अलग वार्ड बनाया गया है। जिसमें कोविड शील्ड एवं कोवैक्सीन दोनों दी जाती है। - डा. जयप्रकाश स‍िंंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, शाहकुंड, भगालपुर। 

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