मधेुपुरा का नरथुआ उपस्वास्थ्य केंद्र बन गया पशुओं का तबेला, चार किमी दूर इलाज कराने जाते हैं इलाके के लोग
मधेपुरा का नरथुआ उपस्वास्थ्य केंद्र पशुओं का तबेला बन गया। इसकी स्थापना करीब 40 वर्ष पूर्व की गई थी। पहले यहां पर मरीजों का इलाज होता था लेकिन अब यहां पर न तो डॉक्टर है और न ही संसाधन। यहां के लोग इलाज के लिए अब...!
संवाद सूत्र, आलमनगर (मधेपुरा)। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति चरमरा गई है। यहां सदर व अनुमंडल अस्पताल की हालत ही ठीक नहीं है तो उपस्वास्थ्य केंद्र की बात करना ही बेमानी है। कई उपस्वास्थ्य केंद्र तो ग्रामीणों के लिए गोदाम बन गया है। कहीं मवेशी बांधा जा रहा है। कुछ खंडहर हो चुका है। आलमनगर प्रखंड अंतर्गत नरथुआ भागीपुर के नरथुआ स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण करीब 40 साल पहले हुआ था। लेकिन अब तक चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की पदस्थापना नहीं की गई है। केंद्र भी अब जर्जर होने लगा है। वर्ष 2009-10 में में भवन निर्माण विभाग के तहत लाखों की लागत से चार रूम बरामदा व किचन का निर्माण कार्य किया गया। इसके बाद लगने लगा था कि अब यहां अस्पताल शुरू हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में ग्रामीण अब यहां मवेशी रखते हैं। चिकित्सक तो अस्पताल में नहीं पहुंचे। यहां ग्रामीण अस्पताल का उपयोग सामान व मवेशी को रखने के लिए करते हैं। यूं कहें कि यह भवन अब तबेला बनकर रह गया है।
हाइलाइटर्स
40 साल पहले उपस्वास्थ्य केंद्र का किया गया था निर्माण
2009-10 में किया गया था बरामदा व किचन का निर्माण
04 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए जाते हैं लोग
348 उपस्वास्थ्य केंद्र है जिले में
48 उपस्वास्थ्य केंद्र है आलमनगर प्रखंड में
नहीं हुई चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की पदस्थापना
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराते हैं मरीज
आलमनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से नरथुआ उप स्वास्थ्य केंद्र की दूरी लगभग चार किलोमीटर है। लोग बीमार होते हैं तो इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाते हैं। जबकि उपस्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में लाखों रुपया खर्च किया गया था। लेकिन निर्माण के बाद यहां न चिकित्सकों की पदस्थापना की गई न ही अन्य कर्मियों की। ऐसे में यह केंद्र सिर्फ नाम का ही रहा। जनप्रतिनिधियों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।
अस्पताल चालू करने की मांग
ग्रामीणों ने ने कई बार अस्पताल को चालू करने की मांग की। लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में यह उपस्वास्थ्य केंद्र पर अब पशुओं का चारा रखा जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार स्वास्थ्य विभाग से यहां पर स्टाफ की तैनाती करने की मांग की गई थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। केंद्र के आगे भी जलजमाव रहता है।
उपस्वास्थ्य केंद्र नरथुआ में चिकित्सकों की तैनाती नहीं की गई है। एक एएनएम को तैनात किया गया है। ग्रामीणें की मांग को विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। -मु.नाजीर हुसैन, स्वास्थ्य प्रबंधक, आलमनगर