मधेपुरा : प्रदूषण से हो सकती है TB जैसी खतरनाक बीमारी, जिले में हवा में काफी है धूलकण की मात्रा

लॉकडाउन में प्रदूषण का स्तर कम हुआ था लेकिन अब फिर बढऩे लगा है। बाजार क्षेत्र में प्रदूषण का मुख्य वजह जाम है। जाम के कारण लंबे समय तक चालू अवस्था मे एक साथ लगी वाहन से निकलने वाला धुंआ प्रदूषण को काफी बढ़ा देता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 08:35 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 08:35 PM (IST)
मधेपुरा : प्रदूषण से हो सकती है TB जैसी खतरनाक बीमारी, जिले में हवा में काफी है धूलकण की मात्रा
बाजार क्षेत्र में प्रदूषण का मुख्य वजह जाम है।

मधेपुरा, जेएनएन। प्रदूषण की समस्या बड़ी गंभीर बनती जा रही है। महानगरों की यह समस्या अब कस्बाई शहर मधेपुरा जैसे जगहों पर आ गइ है। यहां सर्वाधिक परेशानी वायु प्रदूषण से है। शहरी क्षेत्रों में लोगों को इस समस्या से प्रत्येक दिन दो चार होना पड़ता है। बाजार क्षेत्र में प्रदूषण का मुख्य वजह जाम है। जाम के कारण लंबे समय तक चालू अवस्था मे एक साथ लगी वाहन से निकलने वाला धुंआ प्रदूषण को काफी बढ़ा देता है।

जिले में ङ्क्षसहेश्वर, मुरलीगंज व जिला मुख्यालय में यह समस्या है। अक्सर किसी न किसी कारण से यहां जाम लगा रहता है। जाम के दौरान प्रदूषण की मात्रा तय मानक से काफी अधिक रहती है। प्रदूषण की अत्यधिक मात्रा से सांस सबंधी कई तरह की परेशानियां होती है। सरकार समय समय पर प्रदूषण के स्तर को अत्यधिक नही बढऩे देने के लिए नियम बनाते रही है। इसी क्रम में ईट भ_े एवं उद्योगों के लिए कई तरह की नियम बनायी गई है।

धूल बढ़ाती है प्रदूषण की मात्रा

हवा में धूलकण की अत्यधिक मात्रा उसे प्रदूषित करती है। जर्जर, अद्र्धनिर्मित व निर्माणाधीन सड़क से काफी मात्रा में धूलकण निकलती है। अभी जिले में सभी तरफ की सड़क से उडऩे वाले धूलकण से वायु प्रदूषित हो रही है। धूलकण की अत्यधिक मात्रा कई तरह की अन्य परेशानियां भी उत्पन्न कर रही है। अभी एनएच 106 एवं 107 के निर्माण के दौरान सड़कों से धूल की गुबार ही सिर्फ नजर आती है। ङ्क्षसहेश्वर मधेपुरा मार्ग, मधेपुरा सहरसा मार्ग एवं मधेपुरा चौसा मार्ग में यह समस्या काफी है। हालात का अंदाजा इस से लगाया जा सकता है कि अगल बगल के पेड़ पौधे धूलकण से ढंके रहते हैं। इन सड़क के किनारों के पेड़ पौधे की हरी पत्तियों की जगह सिर्फ धूलकण ही नजर आती है।

सांस की कई बीमारियों का बना रहता है खतरा

वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे से सांस की कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। हवा में मिली धूलकण और भी ज्यादा खतरनाक है। इसके कारण और कई तरह की परिशानी भी हो सकती है। संक्रमण से टीबी का भी खतरा रहता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित हो सकता है। छोटे बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।

प्रदूषण की मात्रा अत्यधिक रहने से सांस व फेफड़े संबंधी परेशानी उत्पन्न हो सकती है। प्रदूषण सीधे स्वास नली पर असर करता है। इससे प्रतिरोधक क्षमता भी घटती है। वही हवा में धूलकण की मात्रा भी काफी खतरनाक है। वायु प्रदूषण से एलर्जी, टीबी जैसी बीमारी तक हो सकती है।

- डॉ. एसएन यादव, चिकित्सक सह प्रमंडलीय सचिव आइएमए, मधेपुरा।

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