मधेपुरा नगर परिषद: अविश्वास प्रस्ताव पर तीसरे मोर्चे की आहट, जोड़-घटाव का चल रहा है खेल

मधेपुरा नगर परिषद अविश्वास प्रस्ताव में रहा है 22 पार्षद का समर्थन। तीसरे मोर्चे की संभावना से विपक्ष की उड़ी नींद। चुनाव का समय आते आते 26 में 25 पार्षद पक्ष में हो जाएंगे। आगामी चुनाव को देख कर पार्षद बना रहे रणनीति।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Wed, 11 Aug 2021 09:49 AM (IST) Updated:Wed, 11 Aug 2021 09:49 AM (IST)
मधेपुरा नगर परिषद: अविश्वास प्रस्ताव पर तीसरे मोर्चे की आहट, जोड़-घटाव का चल रहा है खेल
अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्ष के हौसले बुलंद हैं।

संवाद सूत्र, मधेपुरा। मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्ष के हौसले बुलंद हैं। विपक्ष 22 की संख्या को आगे ले जाने के फिराक में हैं। विपक्ष का दावा है कि चुनाव का समय आते आते 26 में 25 पार्षद पक्ष में हो जाएंगे। मधेपुरा नगरपरिषद के इतिहास में शायद यह पहला मौका है कि बड़ी संख्या में पार्षद एक मत होकर मुख्य पार्षद के खिलाफ हैं। दूसरी ओर लंबे समय से कभी मुख्य पार्षद के साथ मजबूती के साथ रहने वाले भी विपक्ष के पाले में जाना भी लोगों के समझ से परे है। सभी अपने विश्वसनीय साथी का विपक्ष के साथ होने का अंदाजा कभी मुख्य पार्षद भी ने नहीं किया होगा। अब जब बाजी पूरी तरह से हाथ से निकल गई है। ऐसे में तीसरे मोर्चा की संभावना तालाशी जा रही है। इस बार तीसरे मोर्चे के केंद्र में पुराने खिलाड़ी हैं। निर्वतमान मुख्य पार्षद अगर विपक्ष में सेंध मारने में सफल होते हैं तो गेम चेंज भी हो सकता है।

आगामी चुनाव को देख कर पार्षद बना रहे रणनीति

मालूम हो कि मधेपुरा नगर परिषद के मुख्य पार्षद के खिलाफ पहले 19 पार्षदों ने कार्यपालक पदाधिकारी को अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन दिया है। बाद में अविश्वास प्रस्ताव के समय 22 पार्षद विपक्ष के साथ होकर प्रस्ताव का समर्थन किया था। पार्षदों की शिकायत थी कि मुख्य पार्षद अपने कार्यकाल में हमेशा विकास विरोधी काम किया है। मुख्य पार्षद तानाशाही तरीके से पार्षदों के साथ काम किया है। वहीं पार्षदों ने भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्षदों का कहना था कि नगर के लोग जलजमाव गंदगी और अंधेरे से परेशान हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए लाभुक दर-दर ठोकर खा रहे हैं लेकिन निर्वतमान मुख्य पार्षद को इसकी फिक्र नहीं है। नगर परिषद का टेंडर घोटाला, सफाई के नाम पर करोड़ों की लूट, मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार इसके उदाहरण है। इसके अलावा कोरोना काल में भी निर्वतमान मुख्य पार्षद द्वारा आम लोगों की समस्या से बेखबर रहने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर कहना है कि यह सब खेल आगामी नप चुनाव को लेकर हो रहा है।

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