किशनगंज का LRP चौक टावर पलभर में बन गया इतिहास, NH 327E पर टक्कर के बाद ध्वस्त

किशनगंज का एलआरपी चौक टावर पल भर में इतिहास बन गया। बुधवार को एनएच 327E पर वाहनों की टक्‍कर के बाद यह टावर पूरी तरह ध्‍वस्‍त हो गए। स्‍थानीय लोगों की माने तो इस टावर का इतिहास बहुत पुरानी है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 05:32 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:32 PM (IST)
किशनगंज का LRP चौक टावर पलभर में बन गया इतिहास, NH 327E पर टक्कर के बाद ध्वस्त
किशनगंज का एलआरपी चौक टावर। गूगल फोटो।

संवाद सूत्र, बहादुरगंज(किशनगंज)। बहादुरगंज थाना क्षेत्र के एनएच 327 ई स्थित एलआरपी चौक पर सड़क के बीचों-बीच बना गोलंबर टावर मंगलवार देर रात तेज रफ्तार अनियंत्रित दुग्ध वाहन के टक्कर से टावर धराशायी हो गया। टक्कर इतनी जोरदार रही की टावर का अब नामों निशान मिट गया। टावर से टक्कर बाद दुग्ध वाहन ट्रक सड़क पर पलट गई। हालांकि ट्रक में सवार चालक और खलासी बाल-बाल बच गए। हल्की-फुल्की चोट बाद स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में उपचार कराया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ट्रक को जब्त कर सड़क को खाली कराया और आवागमन को सुचारू करवाया।

टक्कर इतनी जोरदार थी की आसपास के लोग आवाज सुनकर सड़क पर निकल पड़े आखिर क्या हुआ। टक्कर इतनी जबरदस्त रही कि टावर एक झटके में चकनाचूर हो गया और मलवा आसपास बिखर गया। धराशायी हुआ यह एलआरपी गोलंबर टावर करीब दो दशक पहले पीडब्ल्यूडी सड़क (वर्तमान समय एनएच 327ई) पर बीचों-बीच बना हुआ था। महत्वपूर्ण बात यह है कि अररिया सिलिगुड़ी मुख्य मार्ग एनएच 327 ई के बीच में स्थित इस टावर से पहले ना कोई संकेतक है और ना ही टावर पर कोई रिफ्लेक्टर लगा हुआ था।

ताकि तेज रफ्तार वाहन पहले ही बीच सड़क पर टावर होने की जानकारी पाकर सचेत हो जाए। ऐसे में वाहन चालक से अधिक दोष संबंधित विभाग की है। जो हादसे का इंतजार कर रहे थे और अंतत: हादसा हो ही गया। सुखद बात रही की दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुए। बताया जाता है कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन सिलिगुड़ी से अमूल दूध लेकर आ रहा था। इसी दौरान मंगलवार की देर रात करीब ढ़ाई बजे वाहन अनियंत्रित होकर गोलंबर टावर से जा टकराया। आवाज सुनकर स्थानीय लोगों की भीड़ जुटने और घटना की सूचना बहादुरगंज थानाध्यक्ष संजय कुमार को मिलने पर दल बल के साथ घटनास्थल पहुंचकर वाहन को जब्त कर लिया।

इतिहास बन गया एलआरपी चौक का टावर

एलआरपी चौक स्थित यह टावर बहादुरगंज क्षेत्र में एक विशेष पहचान के रूप में था। लोगों का कहना है कि यह टावर करीब दो दशक पहले यातायात नियंत्रण को लेकर तत्कालीन सांसद तसलीमुद्दीन के सांसद मद से निर्माण करवाया गया था। अब यह टावर इतिहास बन गया। अब फिर से टावर बनने की उम्मीद भी नहीं है। इस टावर से यातायात नियंत्रण एवं आवाजाही कर रहे लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर बहादुरगंज पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिस बल टावर के बीचोंबीच कभी कभार बैठकर निगरानी किया करते थे।

एनएच 327 ई अररिया-सिल्लीगुडी सड़क के साथ किशनगंज और दिघलबैंक एनएच सड़क एलआरपी चौक में चौमुखी मार्ग होने के कारण यहां हमेशा आमजनों का भीड़ लगी रहती है। इतने व्यस्त सड़क मार्ग में विभागीय स्तर पर लंबी रूट के अनजान वाहनों चालकों के लिए गोलंबर होने का सूचनात्मक प्रतीक भी नहीं दर्शाया गया है। ताकि वाहन चालक अपने वाहनों को नियंत्रित कर चलाते। बेहतर हो प्रशासनिक स्तर पर निकट भविष्य में एलआरपी चौक में वाहनों की आवाजाही नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक लाइट द्वारा यातायात नियंत्रित करने की व्यवस्था करें। ताकि लोगों को आवाजाही में सुविधा हो सके।  

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