मधेपुरा में इस तरह चल रही थी शराब फैक्‍ट्री, शराब सप्‍लाई के लिए वाहनों को दिए जाते थे दोगुना किराया, 12 वाहन मालिक पुलिस के रडार पर

मधेपुरा में पिछले 11 महीने से शराब फैक्‍ट्री चल रही थी। यहां पर तैयार शराब की सप्‍लाई आसपास के इलाके में की जाती थी। इसके लिए गाड़ी वालों को दोगुणे किराए जाते थे। अब ऐसे करीब 12 वाहन मालिक पुलिस रडार पर है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 04:21 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 04:21 PM (IST)
मधेपुरा में इस तरह चल रही थी शराब फैक्‍ट्री, शराब सप्‍लाई के लिए वाहनों को दिए जाते थे दोगुना किराया, 12 वाहन मालिक पुलिस के रडार पर
मधेपुरा में पिछले 11 महीने से शराब फैक्‍ट्री चल रही थी।

मधेपुरा [धर्मेंद्र भारद्वाज]। मधेपुरा जिले के भटगामा में शराब फैक्ट्री उजागर होने के बाद पकड़ा गया तस्कर साजन ने कई तथ्यों का खुलासा किया है। उसने बताया है कि वाहनों को दोगुना किराया देकर निर्धारित जगह पर शराब की आपूर्ति की जाती थी। ऐसे वाहन मालिक अब पुलिस के रडार पर हैं। करीब एक दर्जन वाहन को पुलिस ने चिन्हित किया है। उनके मालिक का पता लगाया जा रहा है। पुलिस की नजर काल डिटेल पर भी है। काल डिटेल से कई राज खुलेगा। पुलिस कई ङ्क्षबदुओं पर जांच कर रही है।

वहीं पूर्व मुखिया सुशील यादव की गिरफ्तारी का भी प्रयास किया जा रहा है। वह शराब की तस्करी के काले धंधे को संरक्षण दे रहा था। पूर्व मुखिया के अलावा भी कई अन्य सफेदपोश है। जिसपर पुलिस की नजर है। यद्यपि बड़ी बात यह है कि पंचायत में लंबे समय से खराब का निर्माण हो रहा था। ऐसे में न मुखिया को पता चला न ही क्षेत्र के चौकीदार को। थानाध्यक्ष भी इस ओर से अनभिज्ञ रहे। जो बात किसी को हजम नहीं हो रही है। मुखिया प्रतिनिधि सुबोध कुमार ने बताया कि इस क्षेत्र में शराब की तस्करी हो रही है इसकी सूचना मिली थी। लेकिन पुष्टि नहीं हो पा रही थी। शराब निर्माण का कार्य बहियार में सूने जगह पर किया जा रहा था।

इस कारण जानकारी नहीं हो पाई थी। उन्हें जानकारी रहती तो निश्चित रूप से इसकी सूचना पुलिस को दी जाती। मालूम हो कि दो दिन पहले पुलिस ने भटगामा में नकली शराब फैक्ट्री को उजागर कया था। फैक्ट्री से 28 सौ लीटर स्प्रिट बरामद हुआ था। वहीं 400 लीटर निर्मित शराब व हरियाणा व झारंखड का इंपिरियल ब्लू व रायल स्टैग का का रेपर व स्टीकर भी जब्त किया गया था। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जबकि पांच व्यक्ति अब भी पुलिस के पकड़ में नहीं आ पाया है।

क्षेत्र में अब भी हो रहा है देसी शराब का निर्माण

चौसा में कई ठिकानों पर अब भी देसी शराब का निर्माण हो रहा है। अरजपुर पश्चिमी के मुखिया प्रतिनिधि सुबोध कुमार का कहना है कि क्षेत्र में कई जगहों पर देसी शराब निर्माण का कार्य हो रहा है। इस मामले में पुलिस चाहे तो वे मदद को तैयार हैं। पुलिस सही ढंग से सूचना एकत्रित कर कार्रवाई करे तो सफलता मिल सकती है। मालूम हो कि पिछले साल 2020 के अगस्त माह में यहां एक ट्रक शराब पकड़ा गया था। उसके बाद से ही यहां नकली शराब बनाने का कारोबार शुरू किया गया था। नकली शराब में हरियाणा व झारखंड का रेपल लगाया जाता था। इंपिरियल ब्लू व रायल स्टैग नामक तैयार नकली शराब को कोसी, सीमांचल के अलावा अंग क्षेत्र में भी सप्लाई किया जाता था।

अवकाश पर गए थानाध्यक्ष

नकली शराब फैक्ट्री का मामला उजागर होने के बाद चौसा थानाअध्यक्ष रविश रंजन सोमवार से अवकाश पर चले गए हैं। वहीं प्रभार रणवीर कुमार को दिया गया है। क्षेत्र में चर्चा है कि नकली शराब फैक्ट्री मामला के बाद एकाएक थानाध्यक्ष के अवकाश पर चले जाने की बात में कोई राज छिपा हुआ है। यद्यपि पुलिस पदाधिकारी की मानें तो थानाध्यक्ष इलाज के लिए गए हैं।

कई वाहनों के नंबरों व उनके स्वामियों की जांच की जा रही है। वहीं जब्त मोबाइल के काल डिटेल खंगाला जा रहा है। कई लोगों के नाम सामने की संभावना है। -योगेंद्र कुमार, एसपी, मधेपुरा

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