स्टांप घोटाले में उप रजिस्ट्रार की गवाही को मिला अंतिम मौका

सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा बहुत हो गया अब कर देंगे क्लोज - 22 सितंबर को गवाह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 09:57 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 09:57 PM (IST)
स्टांप घोटाले में उप रजिस्ट्रार की गवाही को मिला अंतिम मौका
स्टांप घोटाले में उप रजिस्ट्रार की गवाही को मिला अंतिम मौका

ब्लर्ब सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा, बहुत हो गया अब कर देंगे क्लोज, 22 सितंबर को गवाही देने का दिया समय

----------------------

जागरण संवाददाता, भागलपुर : सप्तम अपर जिला एवं सत्र विनय कुमार मिश्रा की अदालत में बुधवार को चर्चित स्टांप घोटाले में जिला उप निबंधक सीताराम साह गवाही को नहीं पहुंचे। उनकी गवाही को पहले से तिथि मुकर्रर थी। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि बस बहुत हो गया अब जो तिथि तय कर रहे हैं यह अंतिम मौका होगा गवाही के लिए वरना क्लोज कर देंगे। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी ने समय आवेदन दाखिल किया जिसमें कोर्ट ने 22 सितंबर 2018 की अंतिम तिथि तय कर दी।

----------------------

आदमपुर थाने में सीआइडी के स्पेशल आफिसर ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी

------------------------

देश में चर्चित तेलगी स्टांप घोटाला प्रकरण की आंच भागलपुर में भी पड़ी थी और सरकार ने तेजी से इस मामले में भागलपुर निबंधन कार्यालय और कोषागार की जांच कराई गई थी। तब सीआइडी के स्पेशल आफिसर के रूप में तैनात अरविंद कुमार सिंह ने जांच में पाया था कि बड़े पैमाने पर जाली स्टांप की बिक्री वैध तरीके से की गई थी। स्टांप की बिक्री करने वाले रजिस्ट्रार और ट्रेजरी आफिसर के जाली दस्तखत कर जाली स्टांप बेचे थे। तब जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि जिन नंबरों से स्टांप जारी किए गए थे उन नंबरों पर जाली स्टांप फर्जी दस्तखत पर बदल कर बेचे गए। इस दौरान शातिर आरोपितों ने जारी पांच रुपये के असली स्टांप के बदले पांच सौ रुपये के फर्जी स्टांप बेच डाले थे। जांच में तमाम तथ्य जुटाने के बाद स्पेशल आफिसर अरविंद कुमार सिंह ने आदमपुर थाने में थाना कांड संख्या 34-2004 दर्ज करा दिया था। तब फौरी कार्रवाई में जयराम मंडल, सीताराम सिंह, रामदेव पासवान, विलोचन चंद्र दास, देवेंद्र कुमार सिन्हा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ। आरोपित जेल भी भेजे गए। स्टांप घोटाले को लेकर तीन सत्रवाद आरंभ हुए जिनमें 133-2005 जो जयराम मंडल से संबंधित था। 1017-2006 जो सीताराम सिंह से संबंधित था तथा सत्रवाद संख्या 358-2008 जो रामदेव पासवान, विलोचन चंद्र दास और देवेंद्र सिन्हा से संबंधित था। कोर्ट ने तीनों सत्रवाद को एक कर सुनवाई शुरू कर दी है। अभियोजन की ओर से 13 गवाहों की गवाही हो चुकी है। सिर्फ जिला उप निबंधक सीताराम साह और अनुसंधानकर्ताओं की गवाही नहीं हो सकी है।

chat bot
आपका साथी