लालू यादव का पुराना अंदाज, बोले- ना बम चलेगा, ना चलेगी गोली-गोला, जीतेगा भोला, पढ़ें भोजपुरी में क्या बोले RJD सुप्रीमो
तारापुर उपचुनाव में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे राजद सुप्रीमो लालू यादव पुराने अंदाज में दिखाई दिए। उन्होंने भौजपुरी गाना भी गाया। राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना भी साधा। लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा धोखा दिया है...
संजय सिंह, तारापुर (मुंगेर): लालू के चेहरे पर अस्वस्थता की लकीर स्पष्ट दिख रही थी, लेकिन सभा में उमड़ी भीड़ के साथ संवाद की शैली ठेठ देसी थी। वे जनता की नब्ज पर हाथ रखना अच्छी तरह से जानते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि लालू कुछ नहीं कर सकते, गोली मरवा सकते हैं। लालू यादव (Lalu Yadav) ने कहा कि दरअसल नीतीश जनता की भीड़ को देखकर घबरा गए हैं। लालू ने बुधवार को सभा मंच से विसर्जन का मतलब भी समझाया।
ईदगाह मैदान में राजद प्रत्याशी अरुण कुमार साह के पक्ष में चुनावी सभा में लालू ने कहा कि हमने पटना आकर यह बयान दिया था कि तेजस्वी ने सरकार का बहुत कुछ बिगाड़ रखा है। बाकी जो कुछ बचा है, उसका हम विसर्जन कर देंगे। इस बयान का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में ना बम चलेगा, ना गोली और न गोला चलेगा, जीतेगा भोला। भोला का मतलब भीड़ से रहा। लालू ने जोर देकर कहा कि राजनीति के क्षेत्र में हमने नीतीश कुमार की जितनी मदद की है, उतनी किसी ने नहीं की है।
राजद सुप्रीमो ने कहा कि नीतीश कुमार हर बार उन्हें धोखा दे गए। राजद की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर नीतीश घबरा गए हैं। लालू का काम किसी को गोली मरवाना नहीं है। राज्य सरकार की जो हालत है, उसमें नीतीश स्वत: मर जाएंगे। लालू में अपने भाषण में फिर भोजपुरी के गाने 'लागल-लागल झुलनिया में धक्का, बलम कलकत्ता चलत' को दोहराया। इसका मतलब उन्होंने यह बताया कि इस सरकार का जाना तय है। लालू ने यह भी कहा कि जिस तरह लाल कपड़ा देखकर सांढ़ भड़कता है, आजकल उसी तरह नीतीश कुमार भड़कने लगे हैं। वे सिद्धांत की राजनीति नहीं करते।
लालू ने यह भी कटाक्ष किया कि नीतीश अपने लोगों से यह प्रचार करवाते हैं कि वे पीएम मेटेरियल हैं। उन्होंने कोई काम नहीं किया है, उन्हें प्रधानमंत्री कौन बनाएगा! जातीय जनगणना के संबंध में उन्होंने कहा कि जब सांप-छछूंदर की गिनती होती है तो आदमी की क्यों नहीं होगी? लालू ने भीड़ से पूछा कि क्या नीतीश कुमार ने यह नहीं कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन भाजपा में नहीं जाएंगे। भाजपा ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया, फिर भी वे भाजपा में चले गए। जनता ने पिछले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना दिया था, लेकिन नीतीश कुमार ने बेईमानी कर उन्हें गद्दी से हटा दिया।
लालू ने कहा कि उस समय वे जेल में थे। यदि वे जेल से बाहर रहते तो किसी की यह हिम्मत नहीं होती। अब जनता की लड़ाई लड़ने के लिए वे जेल से बाहर आ गए हैं। लालू ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधने से परहेज नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि स्विस बैंक के पैसे लौटाकर हम गरीबों के खाते में 15-15 लाख रुपये डालेंगे। लालू के साथ मंच पर उनके छोटे पुत्र व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत अन्य वरीय नेता मौजूद रहे। तेजस्वी ने सरकार को महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर जमकर घेरा।