Lakhisarai Coronavirus update: पहले से खतरनाक है कोरोना की लहर, बच्चों पर रखें विशेष नजर

कोरोना संक्रमण का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में बड़ों के साथ साथ छोटे बच्चे और नवजात पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही के कारण बच्चे भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 04:46 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 04:46 PM (IST)
Lakhisarai Coronavirus update: पहले से खतरनाक है कोरोना की लहर, बच्चों पर रखें विशेष नजर
कोरोना संक्रमण का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

संवाद सहयोगी, लखीसराय। जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। गत वर्ष की तुलना में इस बार कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक बनती जा रही है। ऐसे में बड़ों के साथ साथ छोटे बच्चे और नवजात पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही के कारण बच्चे भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं लेकिन सतर्कता और नियमों का पालन करते हुए बच्चों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

सदर अस्पताल लखीसराय के वरीय चिकित्सक सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेश शरण ने कोरोना काल में लोगों को सुरक्षित अपने घरों में रहकर बच्चों को भी सुरक्षित रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि एक साल से कम उम्र के बच्चों का श्वसन तंत्र छोटा और संकरा होने के कारण संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। बच्चों में संक्रमण फैलने का एक और सबसे बड़ा कारण है कि बच्चे बड़ों से जल्दी नजदीक में संपर्क में होते हैं।

कोरोना संक्रमण के लक्षण को जानें

डॉ. सुरेश शरण ने बताया कि बुखार, दस्त, सिर दर्द, थकावट, कमजोरी, बंद नाक, पेट दर्द आदि संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण होते हैं। ऐसे मौके पर तुरंत चिकित्सकों से परामर्श लेकर जांच कराएं। तेज बुखार, दम फूलना, होठों के रंग में परिवर्तन, स्वाद गायब हो जाना, अधिक पेट दर्द आदि कोरोना के गंभीर लक्षण में शामिल हैं।

बच्चों को संक्रमण से बचाने का उपाय

बुजर्गों की तरह बच्चों को भी घर से बाहर जाने नहीं दें। कोल्डङ्क्षड्रक्स एवं बाजार का कोई भी सामान खिलाने से परहेज करें। मास्क का प्रयोग करने एवं शारीरिक दूरी बनाकर रहें। घर में अगर कोई संक्रमित हो गए हैं तो बच्चे को दूर रखें।

नवजात शिशु पर भी रखें निगरानी

जिनकी मां कोरोना संक्रमित हो जाती है उनके नवजात को मां से दूरी बनाकर रखें। मास्क पहनकर और हाथ को सैनिटाइज करने के बाद ही मां को स्तनपान कराना चाहिए। सतर्कता और सावधानी इस संक्रमण के लहर से बचा सकता है।

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