बंगाल में मस्जिद से ऐलान कर जुटाई गई भीड़ ने की थी इंस्पेक्टर की हत्या, किशनगंज पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
पश्चिम बंगाल में छापेमारी करने गए बिहार पुलिस के इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की हत्या के लिए भीड़ को मस्जिद से ऐलान कर जुटाया गया था। इसका पर्दाफाश मामले की जांच में जुटी बिहार पुलिस की टीम ने किया है।
पटना/ भागलपुर/ किशनगंज, जागरण टीम। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पंतापाड़ा (Pantapada) गांव में बीते नौ अप्रैल की रात छापेमारी के लिए पहुंची बिहार के किशनगंज (Kishanganj) थाने की पुलिस पर हमले के लिए मस्जिद से ऐलान किया गया था। मस्जिद से गांव में चोर और डाकू के प्रवेश करने की बात कह भीड़ जुटाई गई, फिर वर्दीधारी पुलिस पर हमला कर दिया गया। मस्जिद से ऐलान होते ही लाठी-डंडे व धारदार हथियारों से लैस सैकड़ों की संख्या में जुटी भीड़ पुलिस पर टूट पड़ी। इस दौरान बाकी पुलिस वाले तो किसी तरह जान बचाने में सफल रहे, लेकिन किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष व इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। किशनगंज के एसपी मनीष कुमार (SP Manish Kumar) और एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी (SDPO Anwar Jawed Ansari) ने इसकी पुष्टि की है।
पश्चिम बंगाल में दर्ज प्राथमिकी में किया गया है जिक्र
पश्चिम बंगाल के ग्वालपोखर थाना में दर्ज इस मामले की एफआइआर में इसका जिक्र किया गया है। छापेमारी टीम में शामिल रहे इंस्पेक्टर मनीष कुमार द्वारा दर्ज एफआइआर में इसका उल्लेख किया गया है कि मुख्य आरोपित फिरोज के घर पुलिस के दबिश देते ही मस्जिद से यह ऐलान कर दिया गया कि गांव में चोर और डाकू घुस आए हैं।
मस्जिद से ऐलान होते ही पुलिस पर टूट पड़ी भीड़
मस्जिद से ऐलान होते ही सैकड़ों की संख्या में हथियारों के साथ जुटी भीड़ पुलिस टीम पर टूट पड़ी। इस मामले में इंस्पेक्टर मनीष कुमार की शिकायत पर ग्वालपोखर थाना में 21 नामजद समेत पांच सौ अज्ञात के विरूद्ध मामला दर्ज कराया गया है। अब तक पांच नामजद आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
घटना के दिन ही तीन आरोपित हुए गिरफ्तार
घटना के दिन ही शनिवार को बंगाल पुलिस ने मुख्य आरोपित फिरोज आलम, अबुजर आलम, सहीनुर खातुन को गिरफ्तार किया। इनमें महिला मुख्य आरोपित की मां है। इसके बाद रविवार को मलिक उर्फ अबदुल मलिक और इसराईल को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार सभी आरोपित पंतापाड़ा गांव के रहने वाले हैं।
जानें किशनगंज के एसडीपीओ ने क्या कहा
किशनगंज के एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी ने बताया कि लूटकांड के आरोपित के घर छापेमारी करने गई पुलिस टीम को देखते ही मस्जिद से ऐलान कर भीड़ जुटाई गई। सैकड़ों की संख्या में जुटी भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिसमें टाउन थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार शहीद हाे गए।
एसपी ने भी स्वीकारी है यह बात
एसपी कुमार आशीष ने भी बताया कि छापेमारी टीम में शामिल पुलिस व गवाहों ने भी कहा है कि मस्जिद से ऐलान कर भीड़ जुटाई गई थी। सभी पुलिसकर्मी वर्दी में थे। इसके बावजूद मस्जिद से ऐलान कर चोर-डाकू के घुसने की बात कह भीड़ द्वारा हमला किया गया।
नौ अप्रैल की रात तड़के तीन बजे की घटना
पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के पंतापाड़ा में बिहार के किशनगंज थाने की पुलिस सर्किल इंस्पेक्टर और किशनगंज थाने के थानेदार के नेतृत्व में बाइक लूट के एक मामले की पड़ताल करने गई थी। नौ अप्रैल की रात बिहार के सीमावर्ती गांव में जाने से पहले किशनगंज पुलिस ने इसकी सूचना बंगाल के संबंधित थाने की पुलिस को भी दी थी, लेकिन लोकल पुलिस समय पर वहां नहीं पहुंची और सुबह होने से पहले करीब तीन बजे रात के अंधेरे में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया।
मामले की प्राथमिकी में भी पुलिस ने किया है जिक्र
किशनगंज के एसडीपीओ ने बताया कि बाइक लूट के आरोपित के घरवालों ने ही पुलिस पर हमला करने के लिए भीड़ जुटाई थी। भीड़ ने किशनगंज थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार को मार डाला था। इस दौरान उनके साथ गए बाकी पुलिसवालों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। इस जघन्य घटना के अगले दिन इंस्पेक्टर की मां का सदमे से निधन हो गया।