बिहार-बंगाल बॉर्डर पर महानंदा नदी में डूबने से दो की मौत, मृतक बंगाल का रहने वाला, एक लापता

बिहार-बंगाल बॉर्डर पर महानंदा नदी में डूबने से दो युवक की मौत हो गई। जबकि एक युवक को गंभीर हालत में इलाज के लिए ले जाया गया पूर्णिया। बंगाल के कानकी का रहने वाला था दोनों मृतक। एक लापता की खोज की जा रही है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 08:40 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 08:40 AM (IST)
बिहार-बंगाल बॉर्डर पर महानंदा नदी में डूबने से दो की मौत, मृतक बंगाल का रहने वाला, एक लापता
बिहार-बंगाल बॉर्डर पर महानंदा नदी में युवक डूब गए।

जागरण संवाददाता, किशनगंज। बिहार-बंगाल बॉर्डर पर महानंदा नदी में स्नान करने के दौरान चार युवक डूब गए। माघी पूर्णिमा के मौके पर शनिवार दोपहर को घटित घटना में बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले कानकी निवासी दो युवक की मौत हो गई। जबकि एक कोई अता पता नहीं चल पाया, जिसकी खोजबीन जारी है। एक अन्य किशोर को मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने डूबने से बचा लिया। उसे इलाज के लिए तत्काल एमजीएम मेडिकल कॉलेज किशगनंज लाया गया। लेकिन पीड़ित की लगातार बिगड़ती स्थिति को देख उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। जिसके बाद स्वजन उसे इलाज के लिए पूर्णिया ले गए।

जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर को बंगाल के कानकी निवासी चार दोस्त माघी पूर्णिमा के मौके पर किशनगंज टाउन थाना क्षेत्र सीमा में लालबाड़ी, मंझोक गांव के समीप महानंदा नदी में स्नान कर रहे थे। इसी दौरान चारों नदी में समा गए। चारों को डूबता देख स्नान कर रहे लोग शोर मचाने लगे। जिससे पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल व्याप्त हो गया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने डूबते हुए किशोरों को बचाने की चेष्टा की। हालांकि इस दौरान कानकी निवासी अंकित राम(19)पिता कजरा राम को बचा लिया गया। अत्यधिक पानी पी लेने के कारण उसकी स्थिति गंभीर हो गई थी। लोगों ने उसे फौरन इलाज के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। इस बीच घटना की जानकारी मिलते ही किशगनंज सीओ समीर कुमार टाउन थाना की पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए और लापता किशोरों की तलाश में जुट गए। गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद कानकी निवासी अभय बांसफोड़(18) पिता अजय बांसफोड़ और सुमन चौधरी(19)पिता बैजनाथ चौधरी का शव गहरे पानी से खोज निकाला। जबकि कानकी निवासी बिट्टू पोद्दार पिता बाबला पोद्दार की तलाश शाम तक जारी थी। इधर घटना की जानकारी मिलते ही मृतकों के परिजनों के बीच कोहराम मच गया। रोते बिलखते परिजन भी लालबाड़ी गांव पहुंचे और शव को लेकर चले गए।

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