खगड़िया के जदयू विधायक को SP से जान का खतरा, CM नीतीश को पत्र सौंप किए कई खुलासे

जदयू विधायक ने पत्र लिखकर सीएम नीतीश कुमार से सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने भागलपुर में हुए जदयू उपाध्यक्ष पप्पू भगत हत्याकांड का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव के दौरान मुझपर भी हमला हुआ था यही नहीं पप्पू के हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 02:47 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 02:47 PM (IST)
खगड़िया के जदयू विधायक को SP से जान का खतरा, CM नीतीश को पत्र सौंप किए कई खुलासे
जदयू विधायक ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिख मांगी सुरक्षा।

ऑनलाइन डेस्क, खगड़िया। जिले के परबत्ता विधानसभा सीट से जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार ने एसपी अमितेश कुमार को हटाने की मांग की है। इसके पीछे का कारण उन्होंने खुद की जान पर खतरा बताया है। लिहाजा, संजीव ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा है। उनके इस पत्र के बाद से बिहार की सियासत गर्मा उठी है।

बिहार की कानून व्यवस्था अपराधियों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती है लेकिन इस बार जदयू विधायक की इस मांग के बाद विपक्षी पार्टियों को फिर से नीतीश सरकार पर लॉ एंड ऑर्डर को लेकर निशाना साधने का मौका मिल गया है। दरअसल, जदयू विधायक ने सीएम नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा, 'खगड़िया एसपी अपराधियों से मिले हुए हैं। इससे जान पर खतरा है। मुझे हाउस गार्ड उपलब्ध कराया जाए। साथ ही अमितेश कुमार को हटाया जाए।'

विधायक ने पत्र में लिखा कि परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में मुख्य रूप से चार थानों में से तीन में एक ही जाति के थाना प्रभारी पदास्थापित हैं। डॉ. संजीव ने एसपी पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने एक ही जाति के थाना प्रभारियों के साथ-साथ थानों में जेएसआई भी उसी जाति के पदस्थापित किए हैं।

'बढ़ गए अपराधियों के हौसले'

इसके साथ ही संजीव ने कुछ थानाध्यक्षों के नाम भी लिखे हैं और कहा कि इनका अपराधियों के साथ उठना बैठना होता है। खास जाति के पुलिसकर्मियों की पदस्थापित होने की वजह से ही अपराधियों के हौसले बढ़े हुए हैं। इस बाबत, परबत्ता थानाध्यक्ष ने उनकी जान को खतरा बताते हुए एसपी को रिपोर्ट भी सौंपी लेकिन एसपी ने उस रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया।

अपने पत्र में परबत्ता विधायक ने खुद पर हुए हमले और जदयू नेता की हत्या का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि पिछले चुनाव में उनके ऊपर हमला किया गया था, यही नहीं भागलपुर में खगड़िया के जदयू जिला उपाध्यक्ष पप्पू भगत की हत्या हो गई थी, इस हत्याकांड में उस खास जाति के अपराधियों का हाथ था।

खुले आम घूम रहे अपराधी: परबत्ता विधायक

विधायक ने पत्र में लिखा कि पप्पू भगत की हत्या में शामिल बड़े अपराधी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि खगड़िया एसपी जदयू के सक्रिय कार्यकर्ताओं को झूठे केस में फंसाते हैं और उन्हें प्रताड़ित करते हैं। एक कार्यकर्ता के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि उसे भी ऐसे ही फंसाया गया है, जो जेल में बंद है और उसकी भी हत्या की साजिश चल रही है। विधायक ने लिखा कि इस बात की जानकारी जेल में बंद कार्यकर्ता से मिलने गए अन्य कार्यकर्ता ने उनके पिता को दी है।

15 दिन पहले सौंपा पत्र, दैनिक जागरण से कही ये बातें  जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार ने खगड़िया एसपी अमितेश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने खगड़िया एसपी पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने एसपी को महाभ्रष्ट और अपरिपक्व की संज्ञा दी है। पत्र में लिखा कि एसपी सरकार को बदनाम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल कर रहे हैं। परबत्ता के दो-दो थानाध्यक्ष की रिपोर्ट है कि मेरी जान को खतरा है। मुझ पर जानलेवा हमला हो सकता है लेकिन एसपी शिथिलता बरत रहे हैं। इतना ही नहीं विरोधी दलों के आपराधिक चरित्र के मेरे विरोधियों से इनकी सांठगांठ है। उनको अपने पास बैठाते हैं। उनसे मिलकर षड़यंत्र रचते हैं। जदयू सहकारिता प्रकोष्ठ के खगड़िया जिलाध्यक्ष अशोक सहनी के मुख्य हत्यारोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले में भी एसपी ने शिथिलता बरती है। जिस दिन अशोक सहनी की हत्या हुई अगर उस दिन समय पर पुलिस एक्शन करती, तो उनकी जान बच जाती। विधायक ने जदयू नेता और पूर्व मुखिया पप्पू भगत हत्याकांड में भी खगड़िया एसपी को आड़े हाथों लिया है। कहा है कि पप्पू भगत हत्याकांड के कई आरोपित खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। विधायक ने कहा है कि एसपी शराब माफियाओं से मिले हुए हैं। इनके कारण ही खगड़िया जिले में शराब का धंधा फल-फूल रहा है। जबकि खगड़िया भौगोलिक रूप से छोटा जिला है और लिमिटेड बार्डर है।

क्या बोले एसपी

विधायक के इस आरोप पर एसपी अमितेश कुमार ने कहा कि माननीय विधायक जी ने मुझपर कुछ आरोप लगाए हैं, तो इसपर क्या ही कुछ कह सकते हैं। मेरे सीनियर अधिकारी ही बता पाएंगे कि मेरे ऊपर लगे आरोप कितने सही और कितने गलत हैं।

जबकि बेगूसराय डीआइजी राजेश कुमार ने कहा कि मुझे इस पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अभी कुछ नहीं कह सकते है।

वहीं, बिहार सरकार के सचिव के.सैंथिल कुमार ने पत्र को संज्ञान में लेते हुए डीजीपी को जांच कराने और अपने स्तर पर जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए लिखा है। वहीं, सचिव के पत्र के बाद पुलिस मुख्यालय ने भी सक्रियता से इसपर कार्रवाई करनी शुरू की है। पुलिस मुख्यालय से आईजी हेडक्वार्टर ने जांच के लिए लिखा है।

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