अपराध में यारी : बस स्टैंड पर वर्चस्व के कारण पल्टू और सन्नी से अलग हुआ कटिकना

एक समय था जब पल्‍टू सन्‍नी और कटिकाना अपराध की दुनिया में एक साथ दोस्‍त हुआ करता था। लेकिन बस स्‍टैंड पर वर्चस्‍व के कारण कटिकाना इस ग्रुप से अलग हो गया।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 03:40 PM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 03:40 PM (IST)
अपराध में यारी : बस स्टैंड पर वर्चस्व के कारण पल्टू और सन्नी से अलग हुआ कटिकना
अपराध में यारी : बस स्टैंड पर वर्चस्व के कारण पल्टू और सन्नी से अलग हुआ कटिकना

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]।कभी पल्टू, सन्नी और कटिकना की यारी की चर्चा हुआ करती थी। भरे-पूरे घर से आने वाले तीनों जिम में सिक्स और एट पैक बना तीनों ठसक बना रहे थे। महंगी बाइक फर्राटा भगा चमक भी देते थे। तब तो तीनों की आपस में खूब छनती थी। लेकिन तिलकामांझी स्थित सरकारी बस स्टैंड में जैसे-जैसे पल्टू की दखल बढ़ी तो पहले से वहां अपना प्रभाव जमाने वाले कटिकना से अनबन हो गई। बस स्टैंड पर नशीले पदार्थ की बिक्री और कई तरह के जरायम धंधे को लेकर दोनों में बढ़ी तकरार बीते पांच सालों से एक दूसरे से दूरी बना दी। पल्टू अपना प्रभाव बनाने को कटिकना को निशाना बनाने की कोशिश की तो कटिकना ने भी अपने पीछे कुछ दोस्तों को जुटा लिया। यहीं से पलटू और कटिकना में तनातनी बढ़ गई। कई बार आमना-सामना हुआ। पल्टू के घर पर भी गोलियां चली। पल्टू को तब शाहनवाज उर्फ सन्नी खटाल वाले का साथ मिला। पल्टू और कटिकना की लड़ाई में सन्नी ने पल्टू का साथ इसलिए दिया कि उसके फुफेरे भाई महताब क, सिकंदर अली उर्फ राजा, डेयरी के स्टाफ को बेरहमी से पीटा गया था। हमलावरों ने 12 मई 2020 को महताब के कान काट लिए थे। हमले में बन्नी समेत अन्य शामिल थे। तक केस दर्ज तो हुआ लेकिन कतिपय पुलिस पदाधिकारी की मदद से उस केस में दवाब बनाने के भी उपाय कर लिए गए। कटिकना के पक्ष में बन्नी आदि सट गए थे। राकेश-भानू का साथ मिलने पर तिलमिलाए सन्नी और पल्टू भी लल्ला आदि दोस्तों के साथ बड़ी घाव देने की फिराक में थे। तभी दबोच लिए गए।

सन्नी पर नौ और पल्टू पर सात केस दर्ज

सन्नी, पल्टू और लल्ला पर कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं। एसएसपी आशीष भारती के अनुसार सन्नी पर जानलेवा हमले, आम्र्स एक्ट, लूट, डकैती, पॉक्सो के नौ केस विभिन्न थानों में दर्ज हैं। पल्टू पर रंगदारी, लूट, जानलेवा हमले, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम आदि के सात केस दर्ज हैं। ओम उर्फ लल्ला पर जानलेवा हमले, रंगदारी, आम्र्स एकट के छह केस विभिन्न थानों में दर्ज हैं।

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