दक्षिण अफ्रीका में सुपरवाइजरी की नौकरी छोड़ अब गांव में चला रहे होटल, इतने रुपये तक कमा लेते हैं हर महीने

कोरोना ने कई लोगों की जिंदगी बदल दी। कटिहार के मनिहारी प्रखंड के मियापुर निवासी सुबेश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह इसके उदाहरण हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में नौकरी छोड़कर कटिहार स्थित अपने गांव में होटल खोल दिया। यहां वे अच्छी कमाई कर रहे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 06:10 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 06:10 AM (IST)
दक्षिण अफ्रीका में सुपरवाइजरी की नौकरी छोड़ अब गांव में चला रहे होटल, इतने रुपये तक कमा लेते हैं हर महीने
कटिहार के सुबेश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह गांव में होटल चला रहे हैं।

कटिहार [प्रीतम ओझा]। विपरीत स्थिति में अगर धैर्य बरकरार रहे तो नई राह खुद ब खुद मिल जाती है। मनिहारी प्रखंड के मियापुर निवासी सुबेश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह इसके उदाहरण हैं। अफ्रीका में हाउस कीपिंग सुपरवाइजर का काम करने वाले सुबेश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह की नौकरी भी कोरोना काल में छूट गई और उन्हें घर लौटना पड़ा। आज वे यहां होटल चला रहे हैं और उनकी होटल की अलग पहचान बन चुकी है।

होटल मैनेजमेंट में किया है डिप्लोमा कोर्स

सुबेश सिंह ने बताया कि सुबेश सिंह होटल मैनेजमेंट का डिप्लोमा कोर्स कर देश के कई होटलों में सुपरवाइजर की नौकरी करते हुए कुछ साल पूर्व उन्हें अफ्रीका के सेशल्स आइसलैंड में हिलटन फाइव स्टार होटल में हाउस कीपिंग मैनेजर की नौकरी मिल गई। कोरोना महामारी के कारण वे अफ्रीका से अपने घर मियांपुर लौट आए तथा अपने फार्म हाउस में होम क्वांरटाइन उन्हें रहना पड़ा। गांव में बैठे बैठे राशि भी खर्च होने लगी। इसी बीच गांव में ही एक छोटा सा होटल चिलेक्स रेस्टूरेंट व काफी शाप खोलने का निर्णय उन्होंने लिया। इससे गांव के पांच लोगों को रोजगार भी मिला। वे आडर पर भी भोजन तैयार कर लोगों को पहुंचाते हैं। उन्‍हें खूब ऑर्डर भी आ रहे हैं। इससे आमदनी भी ठीक है।

कहा- नौकरी छूटने का नहीं रहा कोई गम 

अब उन्हें नौकरी छूटने का विशेष गम नहीं है। उन्होंने बताया कि गंगा पर पुल के साथ फोरलेन सड़क का निर्माण हो रहा है। भविष्य में मनिहारी के लालबाग से कुमारीपुर के बीच एक बढिय़ा होटल खोलने की योजना है। हाल में अफ्रीका से फिर बुलावा आ रहा था, लेकिन अब वे यहां ही रहने का निर्णय लिया है। उनके पिता ब्रह्मानंद ङ्क्षसह किसान हैं तथा एक भाई रुचि रिफाइनरी में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर वह जितना भी कमा हरे हैं उससे वह पूरी तरह संतुष्ट हैं।

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