Katihar News: किसान 10 रुपये किलाे बेच रहे मक्‍का, वह भी उधारी, खेती से हो रहा मोह भंग

Katihar News कटिहार में काफी मात्रा में मक्का की खेती होती है। मेहनत कर मक्का की पैदावार करते हैं। किसानों को बाजार मूल्य नहीं मिल रहा है। व्यापारियों द्वारा किसानों को मक्का का दर प्रति क्विंटल 1300-1400 रुपये दिया जाता है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 10:35 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 10:35 AM (IST)
Katihar News: किसान 10 रुपये किलाे बेच रहे मक्‍का, वह भी उधारी, खेती से हो रहा मोह भंग
कटिहार में खूब होती है मक्‍का की खेती।

संवाद सूत्र, समेली (कटिहार)। कटिहार के समेली प्रखंड क्षेत्र में इस वर्ष मक्का की अच्छी पैदावार हुई है। बाबजूद किसानों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जिसका कारण किसानों को मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलना बताया जा रहा है। किसान अजय मंडल, सज्जन सिंह, गेनालाल मंडल, मिथिलेश मंडल, अरविंद मंडल, विनोद मंडल, भोला मंडल, सूर्यदेव मंडल, कमलेश्वरी मंडल, शंभू मंडल, वकील यादव, प्रदीप मंडल ने कहा कि मक्का तैयार कर ओने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। स्थानीय स्तर पर व्यापारियों द्वारा 1300-1400 रूपए प्रति क्विंटल मक्का की खरीद की जा रही है। इतने कम मूल्य पर किसानों के द्वारा व्यापारी के हाथ मक्का बेचने से उनके द्वारा खर्च की गई लागत भी किसानों को नहीं मिल पा रही है। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का खरीद करने की मांग सरकार से की है।

वहीं समेली प्रखंड क्षेत्र में काफी मात्रा में मक्का की खेती होती है। लेकिन किसान जिस तरह मेहनत कर मक्का की पैदावार करते हैं। उस अनुपात में किसानों को बाजार मूल्य नहीं मिल रहा है। किसानों ने कहा कि व्यापारियों द्वारा किसानों को मक्का का दर प्रति क्विंटल 1300-1400 रुपये दिया जाता है। लेकिन उसमें से 250 रुपये खर्चा काट लिया जाता है। जिसमें बोरा, लोडिंग, अनलोडिंग, धर्मकांटा तथा ट्रैक्टर खाली करने का कमीशन आदि शामिल हैं। इस तरह किसानों को एक हजार से 1100 सौ का रेट ही मिल पाता है। इतना ही नहीं सीडी-बीडी के नाम पर भी दर में कटौती हो रही है।

किसानों ने कहा कि मक्का बिक्री की राशि बैंक खाते में भुगतान किया जाता है। जो किसान नगद भुगतान की मांग करते हैं, उनसे एक प्रतिशत काट लिया जाता है। वह भी 15-20 दिन बाद भुगतान करते हैं। जोकि काफी खेद का विषय है। व्यापारियों द्वारा किसानों का दोहन किया जा रहा है। किसानों ने कहा कि सरकारी स्तर पर मक्का की खरीद नहीं होने के कारण किसान घाटे पर व्यापारियों के हाथ मक्का बेचने को विवश हैं। सरकार यदि किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का खरीद की व्यवस्था नहीं करेंगी तो किसान आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे।

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