Katihar Mayor killed : सीमांचल में सियासी हस्तियों की हत्या का रहा लंबा इतिहास, दो विधायक समेत इन लोगों की हो चुकी है हत्या
Katihar Mayor killed कटिहार के मेयर की हत्या के बाद कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। लेकिन सीमांचल में सियासी हस्तियों की हत्या का इतिहास लंबा रहा है। यहां पर दो विधायक समेत तीन दर्जन से अधिक जनप्रतिनिधियों की हत्या हो चुकी है।
जासं, पूर्णिया। गुरुवार की रात कटिहार के निवर्तमान मेयर शिवराज पासवान उर्फ शिवा पासवान की हुई हत्या की वजह अभी साफ नहीं है, लेकिन इस हत्या से सीमांचल के काला इतिहास में एक और कड़ी जरुर जुड़ गई है। सीमांचल में सियासी हस्तियों की हत्या का एक लंबा इतिहास रहा है। गत ढाई दशक में दो विधायक, एक विधायक पति, नगर निकाय के दो प्रमुख सहित तीन दर्जन से अधिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं व त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की हत्या का गवाह यह क्षेत्र रहा है। हाल में पूर्णिया में लोजपा नेता अनिल उरांव व फिर कटिहार के निवर्तमान मेयर की हत्या से यह कड़ी और लंबी हो गई है।
देश भर में सूर्खियों में रहा था माकपा विधायक अजीत सरकार हत्याकांड
14 जून 1998 का दिन ही सीमांचल में इस काला इतिहास का पहला अध्याय लिखा गया था। पूर्णिया सदर के माकपा विधायक अजीत सरकार को उसी दिन दिनदहाड़े एके 47 से भून दिया गया था। यह हत्याकांड पूरे देश में सूर्खियों में रहा था। बाद में इसमें अध्याय दर अध्याय जुड़ता चला गया। यह भी सत्य है कि कुछ हत्या में कारण राजनीति नहीं रहा, लेकिन सियासी हस्तियों की हत्या का दौर जारी रहा। इस कड़ी में 2001 में कटिहार नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष रामाकांत सिंह, उससे पूर्व नगर परिषद कटिहार की अध्यक्ष रीना पासवान के पति भरत भूषण पासवान का नाम भी शामिल रहा है। इसके अलावा अररिया के जोगबनी में पूर्व विधायक दमयंती देवी के पति सह राजद नेता भगवान यादव की हत्या इसी की एक कड़ी रही। इसी तरह समता पार्टी के तत्कालीन पूर्णिया जिलाध्यक्ष मधुसूदन सिंह उर्फ बूटन सिंह, पूर्णिया जिले के श्रीनगर प्रखंड के जिला परिषद सदस्य सह राजद नेता डिंपल मेहता, पूर्णिया के माले नेता रामविलास सिंह की हत्या के साथ इसकी एक लंबी फेहरिस्त रही है।
चार जनवरी 2011 को हुई थी भाजपा विधायक राजकिशोर केशरी की हत्या
चार जनवरी 2011 को भी एक बार फिर सीमांचल पूरे देश में सूर्खियों में रहा था। उसी दिन पूर्णिया सदर के तत्कालीन भाजपा विधायक राजकिशोर केशरी की हत्या उनके आवास पर ही कर दी गई थी।
यह घटना कई कारणों से सूर्खियों में रहा था। इसके अलावा शिवसेना के उपराज्य प्रमुख अजय ङ्क्षसह की हत्या भी लोगों को सकते में डाल दिया था। इस साल पूर्णिया में लोजपा नेता अनिल उरांव की हत्या, कटिहार में राजद नेता निर्मल बुबना की हत्या व गुरुवार की रात कटिहार के निवर्तमान मेयर शिवराज पासवान की हत्या इसी की अगली कड़ी रही। इसके अलावा प्रखंड व जिला स्तर के राजनीतिक कार्यकर्ताओं व त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की हत्या की भी यहां लंबी फेहरिस्त रही है। खासकर पूर्णिया जिले में गत दो दशक के अंदर तकरीबन एक दर्जन पंचायत प्रतिनिधियों की हत्या हो चुकी है।