कटिहार : एक सप्ताह से गंगा एवं कोसी का कहर जारी, रेलवे गाइड बांध के पत्थर टोला के अस्तित्व पर खतरा
कटिहार में लोग लगातार कटाव से परेशान हैं। सबसे अधिक परेशानी रेलवे गाइड बांध के पत्थर टोला के लोगों को हो रही है। अगर इसी तरह गांगा और कोसी का कटाव जारी रहा तो इसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
संवाद सूत्र, कुरसेला (कटिहार)। गंगा व कोसी में पानी बढऩे से रेलवे गाइड बांध के समीप पत्थर टोला गांव की ओर कटाव तेजी से हो रहा है। जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है। लगभग एक सप्ताह से पत्थर टोला में गंगा एवं कोसी में भीषण कटाव से पत्थर टोला का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। पत्थर टोला के किसानों का प्रतिदिन एक एकङ से अधिक उपजाऊ जमीन कोसी में समा रही है। इसके कारण कई एकड़ में लगी फसल से भी किसानों को हाथ धोना पड़ रहा है।
किसानों के खून-पसीने सूख रहे हैं। लेकिन किसानों का दुख-दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। किसानों का कहना है कि हमलोगों के पास थोड़ी-बहुत जो भी उपजाऊ जमीन थी, धीरे-धीरे प्रत्येक वर्षगंगा व कोसी में समा रही है। अब परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो रहा है। कुरसेला प्रखंड के बालू टोला, पत्थर टोला खेरिया, तीनघरिया बहियार के निचले इलाके में किसानों की उपजाऊ जमीन गंगा व कोसी में समा गई है। किसानों की इस परेशानी से न तो जनप्रतिनिधि और ना ही प्रशासन को कोई मतलब है। पत्थर टोला की जमीन में किसानों ने हरी सब्जी लगाई गई थी, वह भी अब कटाव की भेंट चढ़ गया है। किसान नंदलाल महतो, रामधारी महतो, विलास महतो, राजेश महतो, आनंदी महतो ने बताया कि खेत में सब्जी का पौधा भी तैयार हो चुका था। लेकिन कटाव ने सब छीन लिया।
जनप्रतिनिधि को सिर्फ वोट से मतलब है। आज तक कटाव की समस्या की ओर किसी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया। केवल चुनाव के समय विधायक और सांसद बनने के लिए बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं। कटाव के कारण किसानों पर मानो मुसीबत का पहाड़ टूट पङा है। अपने घर की सारी पूंजी समेत महाजन से कर्ज लेकर किसानों ने फसल लगाई थी। अब फसल की जगह सिर्फ पानी नजर आ रही है।
कटाव की रफ्तार यही रही तो हमलोगों को पलायन को मजबूर होना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर लगातार उपजाऊ भूमि के कटने से किसान काफी ङ्क्षचतित है।ग्रामीणों ने प्रशासन से तथा जल संसाधन विभाग से जल्द से जल्द कटाव निरोधी कार्य कराने की मांग की है, जिससे पत्थर टोला गांव का अस्तित्व बचाया जा सके।