कटिहार : पंचायत राज अधिनियम के तहत सभी शक्तियों का प्रयोग करेगी परामर्शी समिति, जानिए समिति में किसे मिली है क्‍या जिम्‍मेदारी

अब पंचायत राज अधिनियम के तहत सभी शक्तियों का प्रयोग परामर्शी समिति करेगी। इन समितियों के अध्‍यक्ष वर्तमान मुखिया सरपंच प्रमुख और जिला परिषद अध्‍यक्ष होंंगे। इसके लिए निर्देश जारी कर दिया गया है। 27 जून से यह लागू हो जाना है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 03:52 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 03:52 PM (IST)
कटिहार : पंचायत राज अधिनियम के तहत सभी शक्तियों का प्रयोग करेगी परामर्शी समिति, जानिए समिति में किसे मिली है क्‍या जिम्‍मेदारी
अब पंचायत राज अधिनियम के तहत सभी शक्तियों का प्रयोग परामर्शी समिति करेगी।

जागरण संवाददाता, कटिहार। जिले के त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों एवं ग्राम कचहरियों के लिए काम करने वाली परामर्शी समिति पंचायत राज अधिनियम 2006 तथा इसके अधीन गठित नियमावलियों, परिपत्रों, अनुदेशों एवं विधि के अधीन निहित सभी शक्तियों का प्रयोग एवं संपादन करेगी। ग्राम पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्य उन सभी शक्तियों का प्रयोग करेंगे जो अधिनियम के अधीन मुखिया, उप-मुखिया एवं ग्राम पंचायत के सदस्यों को प्रदत्त है।

इसी तरह पंचायत समिति परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्य उन सभी शक्तियों का प्रयोग करेंगे जो अधिनियम के तहत प्रमुख, उप-प्रमुख एवं पंचायत समिति सदस्यों को पूर्व से प्राप्त है। इस समिति में सदस्य के रूप में पंचायत समिति सदस्यों के अलावा पंचायत समिति के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से सीधे निर्वाचित सदस्य, पंचायत समिति के अंतर्गत पूर्णत: या अंशत: पडऩे वाले निर्वाचन क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा के

सदस्य और राज्य विधान सभा के सदस्य, राज्यसभा

और राज्य विधान परिषद के वैसे सदस्य जो पंचायत समिति क्षेत्र के अंतर्गत निर्वाचक के रूप में पंजीकृत हो एवं पंचायत समिति क्षेत्र में पडऩे वाले सभी ग्राम पंचायतों की परामर्शी समिति के अध्यक्ष रहेंगे।

इधर जिला परिषद परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्य उन सभी शक्तियों का प्रयोग करेंगे जो अधिनियम के अधीन जिप अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं जिला पार्षदों को प्राप्त है।

इसमें सदस्य के रूप में जिला पार्षद के अलावा जिले के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से सीधे निर्वाचित सदस्य, लोकसभा एवं विधान सभा के वैसे सदस्य जो जिले के किसी ऐसे भाग का प्रतिनिधित्व करते हों जो पूर्णत: या अंशत: उस जिले के अंतर्गत पड़ता हो और जिनका निर्वाचन क्षेत्र जिले के अंतर्गत पड़ता हो। राज्यसभा और विधान परिषद के वैसे सदस्य जो जिले के अंतर्गत निर्वाचक के रूप में दर्ज हों एवं जिले की सभी पंचायत समितियों की परामर्शी समिति के अध्यक्ष सदस्य होंगे।

ग्राम कचहरी परामर्शी समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्य उन सभी शक्तियों का प्रयोग करेंगे, जो अधिनियम के अधीन ग्राम कचहरी के सरपंच, उप-सरपंच एवं पंच को प्रदान किया गया है। इस समिति को अपने कत्र्तव्यों के निर्वहन में सहायता के लिए ग्राम कचहरी के भंग होने की तिथि को कार्यरत न्यायमित्र की सेवा उपलब्ध रहेगी।

संयुक्त हस्ताक्षर से होगा खाते का संचालन

ग्राम पंचायत के वार्डों में गठित वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति संबंधित वार्ड के सदस्य ग्राम पंचायत परामर्शी समिति की अध्यक्षता में कार्य करेगी। इन समितियों के खाते का संचालन संबंधित सदस्य, परामर्शी समिति एवं वार्ड सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाएगा। पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के लिए गठित परामर्शी समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य को उनके कार्यरत रहने की तिथि तक बिहार पंचयत राज अधिनियम, 2006 के अधीन पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के पदधारकों के लिए सरकार की ओर से निर्धारित अनुमान्य भत्ता का भुगतान किया जाएगा।

ज्ञात हो कि जिले में 26 जून को वर्तमान त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों एवं ग्राम कचहरियों का पांच वर्षोँ का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसके बाद इन पंचायती राज संस्थानों के कार्यों की देख-रेख परामर्शी समिति करेगी। जिले में 16 प्रखंड अंतर्गत 238 पंचायत हैं। जहां यह नई व्यवस्था काम करेगी।

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