चंपा धार की मछलियाें ने दी भेड़मारा इलाके को अलग पहचान, जानिए क्‍यों है खास

कटिहार के भेड़मारा पंचायत को चंपा धार की स्‍वादिष्‍ट मछलियों ने विशेष पहचान दी है। इसके अलावा इस पंचायत में हाल के दिनों में कई काम हुए हैं। शिक्षक पद से इस्तीफा देकर मुखिया बने अनवर आलम यहां विकास को एक नई रफ्तार दी।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 04:09 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 04:09 PM (IST)
चंपा धार की मछलियाें ने दी भेड़मारा इलाके को अलग पहचान, जानिए क्‍यों है खास
कटिहार के भेड़मारा पंचायत को चंपा धार की स्‍वादिष्‍ट मछलियों ने विशेष पहचान दी है।

कटिहार [अनिल सिंह]। चंपा धार के किनारे बसा मनसाही प्रखंड क्षेत्र का भेड़मारा पंचायत की पहचान चंपा की स्वादिष्ट मछलियों को लेकर भी है। बाजार में भी चंपा धार की मछली की अलग ब्रांडिंग है। सन 1986 में मोहनपुर पंचायत से कट कर भेड़मारा पंचायत अस्तित्व में आया था। गठन के कई वर्षों बाद तक इसकी कोई सार्थकता लोगों को महसूस नहीं हो पाई थी। 

आज पंचायत के सभी तरह वार्ड के गांव में पक्की सड़कों का जाल बिछ चुकी है। नदी क्षेत्र में सड़क को कटाव से बचाने के लिए मुखिया अनवर आलम द्वारा गार्ड वाल का निर्माण कराया गया। पंचायत के बाजीपुर संथाली टोला में जर्जर पड़े हवामहल का सौन्दर्यकरण, जर्जर पंचायत भवन का सौन्दर्यकरण, हरिप्रसाद रतनपुर चौक से कारीकोसी बांध 460 ढाला होते हुए दलदलिया घाट तक सड़क व चामा श्रीगंज धार पर पुल और पक्की सड़क का निर्माण कराया गया। यह क्षेत्र के किसानों की चिरप्रतीक्षित मांग थी। मुखिया अनवर आलम ने कहा कि भेड़मारा गांव से सोतीचारा धार तक प्रखंड मुख्यालय जाने वाली सड़क तक पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया है। उनके प्रयास से सामुदायिक शौचालय, सड़क के किनारे पौधारोपण, 30 पशु शेड व बीस सोख्ता का निर्माण कराया गया है। सरकारी शिक्षक के पद से त्यागपत्र दे अपने दूसरे प्रयास में मुखिया बने 45 वर्षीय अनवर अलाम पूर्व से ही सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं।

पंचायत निवासी राजकिशोर मंडल ने कहा कि मुखिया अनवर आलम एक मिलनसार व्यक्ति हैं। वे समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलते हैं। उनके कार्यकाल में काफी विकास हुआ है। मो जलाल ने कहा कि वर्तमान मुखिया के कार्यकाल में हर क्षेत्र में विकास हुआ है। वहीं मो बारीक ने कहा की आज पंचायत के हर गांव में पक्की सड़क है। समाज से भेद भाव खत्म हुआ है। यह सब मुखिया के प्रयास का प्रतिफल है।

मुखिया अनवर आलम ने कहा कि जब वे पंचायत के मुखिया चुने गए तो उन्हें विरासत में अत्यंत पिछड़ा व विकास से महरुम पंचायत विरासत में मिला। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अनवरत प्रयास से पंचायत को प्रखंड में विकास के मामले में अग्रिम ला खड़ा किया। वे इस पंचायत को माडल बनाने को संकल्पित हैं। इसके लिए हर आवश्यक प्रयास किया जा रहा है।

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