करवा चौथ 2021: अद्भुत; पांच योगों का दुर्लभ संयोग, पति के लिए पत्नी करेंगी निर्जला व्रत, यह है मुहूर्त

करवा चौथ 2021 रविवार (24 अक्टूiबर) को करवाचौथ व्रत है। पांच योगों का दुर्लभ संयोग के कारण यह व्रत काफी प्रभावी है। पति के लिए पत्नी यह व्रत करतीं हैं। चतुर्थी तिथि शनिवार की रात 1243 बजे से रविवार रात 251 बजे तक रहेगी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 09:59 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 09:59 AM (IST)
करवा चौथ 2021: अद्भुत; पांच योगों का दुर्लभ संयोग, पति के लिए पत्नी करेंगी निर्जला व्रत, यह है मुहूर्त
करवा चौथ के लिए महिलाएं सज-धज तैयार हैं

संवाद सहयोगी, भागलपुर। पति की दीर्घायु कामना के लिए सुहागिनें रविवार (24 अक्टूiबर) को करवाचौथ का व्रत रखेंगी। महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करेंगी। रात में चांद को अघ्र्य देकर पति के हाथों से जलग्रहण करेंगी। पंडित राजेश मिश्र ने बताया कि इस बार पांच योगों का दुर्लभ संयोग करवाचौथ पर बन रहा है। यह योग महापुरुष योग, उभयचारी योग, शंख योग, शुभकर्तरी योग और विमल योग सुहागिणों का अखंड सौभाग्य बढ़ाएगा।

करवाचौथ का सूर्योदय भी महलाओं के जीवन में उर्जा का विशेष संचार करेगा। उन्होंने बताया कि 7 बजकर 52 मिनट पर चंद्रमा का उदय होगा, उसी समय अघ्र्य दिया जाएगा। यह व्रत कार्तिक कृष्ण की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। चतुर्थी तिथि शनिवार की रात 12:43 बजे से रविवार रात 2:51 बजे तक रहेगी। इस दिन महिलाएं विशिष्ट संयोग में व्रत रख और पूजा-अर्चना कर करवा माता से पति की सलामती की दुआ मांगेंगी। व्रत रखने के लिए महिलाएं आधी रात के बाद सरगी खाकर व्रत शुरू किया और इसके बाद चंद्रोदय होने तक वह अन्न या जल ग्रहण नहीं करेंगीं।

भागलपुर में मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने करवा चौथ पर विशेष पूजा अर्चना की। यहां करवा चौथ को प्रमुखता से मनाया जाता है। मिट्टी के बर्तन में रखा गया पानी, रात में चांद देखकर महिलाएं पीतीं हैं। मारवाड़ी समाज की महिलाएं सोलह सृंगार करतीं हैं। मां जगदंबा का पूजन वंदन सामूहिक रूप से किया जाता है।

मारवाड़ी समाज में राजस्थानी वेशभूषा संस्कृति रीति रिवाज के साथ यह त्योहार मनाया जाता है। सुबह से ही पूजन कार्य शुरू होता है। दिन व्रत रखने के बाद मां जगदंबा को भोग लगाने के तत्पश्चात चांद देखने की परंपरा है। मां जगदंबा की पूजा अर्चना के साथ साथ महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा एवं परिवार की मंगल कामना के लिए यह पूजन करती है साथ-साथ अपने जीवन में परिवार में सुख समृद्धि शांति संतुष्टि संपत्ति समृद्धि की भी कामना करती।

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