कामेश्‍वर पांडेय हत्‍याकांड भागलपुर : दोहरे हत्याकांड में जमानत और डिस्चार्ज अर्जी खारिज

कामेश्‍वर पांडेय हत्‍याकांड भागलपुर पांच मार्च 2020 को हुई थी कामेश्वर पांडेय और रेणु झा की हत्या। गोपाल रवीश और राजकुमार के विरुद्ध आरोप का गठन। 22 से 25 फरवरी तक लगातार गवाही कराने की तय हुई तिथि।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 02:59 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 02:59 PM (IST)
कामेश्‍वर पांडेय हत्‍याकांड भागलपुर : दोहरे हत्याकांड में जमानत और डिस्चार्ज अर्जी खारिज
कामेश्‍वर पांडेय, जिनकी पांच मार्च 2020 की हुई थी हत्‍या।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कामेश्‍वर पांडेय हत्‍याकांड भागलपुर : चतुर्थ एडीजे दिनेश चंद्र शर्मा ने शनिवार को बार काउंसिल के को-चेयरमेन रहे कामेश्वर पांडेय और उनकी नौकरानी रेणु झा हत्याकांड में सुनवाई की। आरोपित गोपाल भारती और रवीश कुमार सिंह की जमानत अर्जी न्यायालय ने खारिज कर दी। आरोपित राजकुमार की तरफ से दाखिल डिस्चार्ज अर्जी को भी सुनवाई बाद खारिज कर दिया। न्यायाधीश श्री शर्मा ने सुनवाई के दौरान केस में 22, 23, 24 और 25 फरवरी की तिथि तय कर दिया। कार्यालय लिपिक को निर्देश दिया कि भागलपुर के एसएसपी के जरिये गवाहों को उक्त तिथि में गवाही के लिए उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। न्यायालय ने अदालत में उपस्थित तीनों आरोपितों गोपाल भारती, रवीश कुमार सिंह और राजकुमार के विरुद्ध आरोप का गठन कर दिया। इस केस के एक आरोपित गब्बर पासवान को पुलिस अबतक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। तिलकामांझी पुलिस अबतक एफएसएल की जांच रिपोर्ट भी अदालत को समर्पित नहीं कर सकी है। सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक ओमप्रकाश तिवारी ने बहस में भाग लिया।

पांच मार्च 2020 को हुई थी हत्या

बता दें कि तिलकामांझी थाना क्षेत्र में पांच मार्च 2020 को बिहार बार काउंसिल के को-चेयरमेन रहे कामेश्वर पांडेय और उनकी नौकरानी रेणु झा की लाल बाग स्थित आवास पर बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था। हत्याकांड को अंजाम उनके किराएदार गोपाल भारती ने राजकुमार सिंह, रविश कुमार और गब्बर पासवान की मदद से की थी। वारदात को अंजाम देने के बाद गोपाल सहयोगियों के साथ अधिवक्ता की सियाज कार, नकदी आदि भी लेकर भाग निकला था। हत्या के चंद घंटे में ही डीआइजी सुजीत कुमार के दिशा-निर्देश पर पुलिस टीम ने हत्याकांड का उद्भेदन कर लिया था। गोपाल के कमरे में ही खून सने हाथ धोने और सकरूल्लाचक से रवीश कुमार की गिरफ्तारी से सबकुछ साफ हो गया था। गोपाल और राजकुमार की भी गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल से पुलिस ने कर ली थी। अधिवक्ता की कार किशनगंज स्थित गोपाल के रिश्तेदार के घर से बरामद कर लिया गया था। हत्याकांड का एक आरोपित गब्बर पासवान अभी तक फरार चल रहा है।

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