Kali Puja in Bhagalpur: तांत्रिक ने की थी सोनापट्टी के मां काली की स्थापना, तंत्र पद्धती से होती है पूजा
भागलपुर में काली पूजा के दौरान आज भी होती तंत्र पद्धती से पूजा। कोलकाता और दिल्ली के भी भक्त पहुंचते दरबार। गहनों की शौकिन मां काली श्रद्धालु यहां चढ़ाते जेवर। काली पूजा महासमिति ने कहा महासमिति सभी पूजा समितियों के संपर्क में है।
संवाद सहयोगी, भागलपुर। सोनापट्टी कही काली मां तंत्र विधि से पूजी गई हैं। तकरीबन दो सौ वर्ष पहले महान तांत्रिक बामा खेपा ने तंत्र विद्या से मां काली की स्थापना की थी। पूजा समिति के चंद्र प्रकाश, अनिल कहते हैं कि शहर की प्रमुख काली मंदिर में एक यहां का स्थान होता है। यहां की काली मां गहनों की शौकिन हैं। सोने का मुकुट, गले का हार, पायल, नथ, बाजूबंद व चूड़ी पहनाई जाती है। मंदिर की स्थापना करीब दो सौ वर्ष पहले एक तांत्रिक ने द्वारा किया गया था। तब से यहां पूजा पुरी आस्था से धूम धाम से किया जाता है।
चार नवंबर की रात में प्रतिमा स्थापित होगी। छह नवबंर को विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन में यहां की प्रतिमा को कंधे पर ले जाया जाता है। यहां पूजा तांत्रिक पद्धति से किया जाता है। पंडित मिथलेश झा के नेतृत्व में 11 पंडित के सहयोग से पूजा किया जाएगा। तांत्रिक विधान से मां काली की पूजा से उनमें शक्ति का संचार होता है। यहां के जागृत काली को पूजने कोलकाता और दिल्ली से श्रद्धालु आते हैं। भक्त यहां कुछ न कुछ जेवर चढ़ाते हैं। मां काली सभी भक्तों की झोली भरती है।
काली पूजा महासमिति के प्रवक्ता गीरीश चंद्र भगत ने कहा महा समिति सभी पूजा समितियों के संपर्क में है। शहर में दो वर्ष बाद भव्य काली पूजा का आयोजन हो रहा है। कलाकार प्रतिमा को अंतिम रूप दे रहे हैं। कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए सौहार्द पूर्ण वातावरण में काली पूजा मनाने की तैयारी चल रही है। भागलपुर की काली पूजा काफी नामी रही है और इसमें सभी समूदाय के लोग सहयोग करते हैं।
काली पूजा को लेकर लोग उत्साहित हैं। काली मां का विसर्जन यात्रा और मेला देखने आसपास के जिलों से श्रद्धालु आते हैं। इसको लेकर कहीं कोई परेशानी नहीं हो इसकी समुचित व्यवस्था किया जा रहा है। प्रशासन को समिति पूर्ण सहयोग कर रही है और प्रशासनिक सहयोग भी मिल रहा है।