Kali Puja 2021: इस बार काली मां का सजेगा शाही दरबार, दर्शन करने के लिए आइए भागलपुर

Kali Puja 2021 भागलपुर काली पूजा की धूम करती है। यहां भव्‍य तरीके से मां काली की आराधना की जाती है। बाहर से भी काफी दर्शक और श्रद्धालु यहां आते हैं। यहां शादी दरबार लगता है। इसकी पूरी तैयारी की जा रही है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:28 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:28 AM (IST)
Kali Puja 2021: इस बार काली मां का सजेगा शाही दरबार, दर्शन करने के लिए आइए भागलपुर
भागलपुर में स्‍थापित काली की प्रतिमा। फाइल फोटो।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। दुर्गा पूजा की सफलता के बाद अब शहर में काली पूजा की तैयारी जोशो खरोश से चल रही है। भागलपुर शहर का काली पूजा हर मायने में काफी महत्व रखता है। एक तो अंग की पावन धरती सदियों से मां काली की आराधना के लिए उर्वरा रही है। वहीं दूसरी ओर तंत्र सिद्धि से लेकर मामले मुकदमें विवाद आदि में मां काली अपने भक्तों को विजय श्री का आशीर्वाद देते रही हैं। सच्चे भक्तों की झोली भर्ती रही हैं। दो साल से कोरोना के कारण पूजा पाठ सामूहिक रूप से वर्जित था। इस बार शहर हर्षोल्लास के साथ काली पूजा मनाने की तैयारी कर रहा है।

परबत्ती काली पूजा समिति की ओर से 20 फीट की प्रतिमा का निर्माण कराया जा रहा है। परबत्ती चौक से लेकर प्रतिमा स्थल तक भव्य शाही पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। यदि प्रशासन द्वारा अनुमति मिली तो यहां भव्य जागरण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

उधर, बाबा बूढ़ानाथ मंदिर के समीप बम काली पूजा समिति के मेढ़पति महेश प्रसाद ने बताया कि यहां तकरीबन एक सौ बरसों से मां काली पूजी जाती हैं। यहां की प्रतिमा निर्माण में कोई बदलाव नहीं किया जाता है। आकार से लेकर स्वरूप तक प्राचीन बनाया जाता है। इस बार 17 फीट की प्रतिमा स्थापित किया जाएगा। बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।

पांच और छह अक्टूबर को भंडारा होगा। हबीबपुर मोमिन टोला में बताया गया कि 18 फीट की प्रतिमा स्थापित होगी। मेला भी लगेगा। करोड़ी बाजार में भी 18 फीट की मां काली होगी। जरलाही में 25 फीट की प्रतिमा बैठेगी। सबसे बड़ी प्रतिमा नाथनगर बहबलपुर में 32 फीट की होगी। सोना पट्टी में मां को सोने के गहने से सजाया जाएगा। उर्दु बाजार में विधि विधान से पूजा होगा।काली पूजा महा समिति के प्रवक्ता गिरीश भगत ने बताया कि कोरोना गाइड लाइन का सभी पूजा पंडालों में पालन किया जाएगा।

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