कालाष्टमी आज : श्रद्धालु आज काल भैरव की करेंगे विशेष-पूजा अर्चना, सावन में इस पूजा का है विशेष महत्व
कालाष्टमी पूजा आज है। भक्त आज काल भैरव की विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। सावन में इसका विशेष महत्व है। मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पहले भैरवनाथ का आशीर्वाद लेना पड़ता है। इसके बाद ही...!
संवाद सहयोगी, भागलपुर। पवित्र और अध्यात्म से जुड़ा सावन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत किया जाता है। शनिवार को अष्टमी तिथि है। इस दिन बाबा भोलेनाथ के साधक व्रत रखकर अपनी साधना को पूर्ण करने के लिए काल भैरव की विशेष पूजा करते हैं। बाबा भैरवनाथ ही भक्तों की अर्जी भोलेबाबा तक पहुंचाते हैँ। शिव को प्रसन्न करने के लिए पहले भैरवनाथ का आशीर्वाद लेना पड़ता है।
ज्योतिर्विद पंडित सचिन कुमार दूबे कहते हैं कि सावन में कालाष्टमी व्रत करना विशेष फलदायी माना जाता है।
- बाबा भैरव नाथ देवाधिदेव तक भक्तों की अर्जी पहुंचाते
- भय मुक्त और सफलता देते बाबा भैरवनाथ
नकारात्मक शक्तियों से मिलती है मुक्ति
इस व्रत को करने से न सिर्फ नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। बल्कि हर कार्य आसानी से पूरे हो जाते हैं और भाग्य भी आपका साथ देता है। इस दिन काल भैरव की विधि पूर्वक पूजा-पाठ करना चाहिए और आधी रात को शंख, ढोलक बजाकर देवाधिदेव का रुप काल भैरव का भजन करना चाहिए। बाबा बूढ़ानाथ के आचार्य पंडित टुन्नाजी कहते हैं कि सावन के कालाष्टमी पर काल भैरव की विशेष पूजा किया जाता है। काल भैरव भय मुक्त और सफलता देते हैं। भैरव नाथ शिव का ही स्वरुप हैं। सिर्फ श्रद्धा से स्मपरण करने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। उनके पूजा के वगैर शिव की पूजा पूरी नहीं होती है। भैरव नाथ बाबा भोले तक भक्तों की अर्जी पहुंचाते हैं।
अमृत महोत्सव आयोजित
संवाद सूत्र, बिहपुर : देश की आजादी के 75वें वर्ष पर ग्रामीण विकास विभाग नवगछिया के संयोजन में विक्रमपुर में अमृत महोत्सव आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता पंचायत के मुखिया रङ्क्षवद्र यादव व संचालन गौतम कुमार प्रीतम ने किया। मौके पर ग्रामीण विकास विभाग नवगछिया के कार्यपालक अभियंता रामाशीष प्रसाद, सहायक अभियंता नरेंद्र कुमार व कनीय अभियंता विकास कुमार मौजूद थे। अधिकारियों ने आजादी के 75वें वर्ष तक हुए नारी सशक्तिकरण पर प्रकाश डाला।