कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी में जुटा जेएलएनएमसीएच

जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) कोरोना की तीसरी लहर से लडने की तैयारी में जुट गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 02:20 AM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 02:20 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने   की तैयारी में जुटा जेएलएनएमसीएच
कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी में जुटा जेएलएनएमसीएच

भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए चयनित 20 नर्सो को बच्चों में कोरोना के लक्षण समझने, मशीन आपरेट करने और प्रारंभिक दवा देने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बाद में यही नर्से अन्य नर्सो को प्रशिक्षित करेंगी। इसके लिए सहायक मेट्रन बेबी कुमारी को को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है। छह जुलाई से प्रशिक्षण प्रारंभ हो चुका है।

प्रशिक्षण के दौरान नर्से बता रही हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में उनलोगों को क्या-क्या परेशानी हुई थी। ताकि तीसरी लहर आने से पूर्व उन दिक्कतों को दूर किया जा सके।

क्यों पड़ी प्रशिक्षण की जरूरत

कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की मौत की संख्या ज्यादा रही। इनमें 21 दिन का शिशु भी शामिल है। अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने से अस्पताल के डाक्टर भी हैरत में पड़ गए। केवल आइसीयू में 581 कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया था। इनमें 237 मरीजों की मौत हो गई। जिले में 308 मरीजों की मौत अबतक हो चुकी है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नर्सो को प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया।

दूसरी लहर में क्या परेशनी हुई

नर्सो ने बताया कि उनलोगों को उपकरण चलाने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। कोरोना के लक्षणों के बारे में भी गहराई से जानकारी नहीं थी। डाक्टर और नर्स के बीच तालमेल का भी आभाव रहा। हालांकि प्रशिक्षण के दौरान नर्से खुलकर अपनी समस्याएं नहीं रख पाई।

कोरोना के लक्षण के बारे में जानकारी दी गई

शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डा. आरके सिन्हा और आइसीयू प्रभारी डा. महेश कुमार ने कोरोना के लक्षण और उपकरण चलाने की जानकारी दी। नर्सो को बताया गया कि बच्चे की सांस तेज चल रही हो, आक्सीजन लेवल 90 से कम हो तो तत्काल इसे आक्सीमीटर से नापना है। तेज बुखार हो, दस्त हो रहा हो, स्वाद-गंध नहीं आ रहा हो तो तत्काल डाक्टर को सूचित करें और बच्चे को भर्ती कर लें।

इसके अलावा वेंटीलेटर चलाने, वायोपैप, ईसीजी आदि उपकरण के उपयोग के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।

----------------------

कोट :-

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए नर्सो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। धीरे-धीरे प्रशिक्षित नर्सों का ग्रुप तैयार हो जाएगा। जो अस्पताल की अन्य नर्सों को प्रशिक्षण देंगी। इससे कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित मरीजों का और भी बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकेगा।

- डा. असीम कुमार दास, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच

chat bot
आपका साथी