JLNMCH: आइसीयू में भर्ती का खेल, मरीजों की लाइफ हो रही फेल, जानिए क्या है मामला

भागलपुर में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा की स्थिति ठीक नहीं है। यहां के सबसे बड़े अस्‍पतला जवाहर लाल नेहरू चिकित्‍सा महाविदयालय अस्‍पतला के आइसीयू में मरीजों को भर्ती नहीं लिया जा रहा है। इससे कई तरह की परेशानी का मरीजों को सामना करना पड़ रहा है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 03:35 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 03:35 PM (IST)
JLNMCH: आइसीयू में भर्ती का खेल, मरीजों की लाइफ हो रही फेल, जानिए क्या है मामला
भागलपुर में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा की स्थिति ठीक नहीं है।

 जासं, भागलपुर। जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई है। कोरोन संक्रमितों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन संख्या बढऩे के साथ ही मरीजों के इलाज में लापरवाही के मामले भी सामने आने लगे हैं। चिकित्सीय व्यवस्था पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। जेएलएनएमसीएच के आइसीयू में बेड खाली नहीं होने के बाद भी आइसोलेशन वार्ड में गंभीर मरीजों को आइसीयू में रेफर किया जा रहा है। स्वजनों को तसल्ली दिलाने के लिए रेफर का खेल चल रहा है, लेकिन आइसीयू में जगह नहीं मिल रही है। आइसोलेशन से निकलने के बाद मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती कर दिया जा रहा है। जब मरीज की हालत खराब हो जाती है तो अंतिम मूवमेंट में आइसीयू भेजा जाता है। ऐसे में मरीज दम तोड़ रहे हैं। इस तरह का मामला मेडिकल अस्पताल में हर दिन मिल रहा है। यहां पर बड़ा सवाल है कि जब आइसीयू में बेड खाली ही नहीं है, तो मरीजों को रेफर क्यों किया जा रहा है। आइसोलेशन वार्ड में समूचित इलाज की व्यवस्था नहीं है।

12 की हो चुकी है मौत, 10 बेड बढ़ाए गए

मेडिकल अस्पताल के आइसीयू में गंभीर मरीजों के लिए 24 बेड है। अभी कोरोना का मामला बढऩे के बाद आइसीयू में 10 बेड और बढ़ा दिए गए हैं। एक भी बेड खाली नहीं है। स्वस्थ्य होने के बाद आइसीयू से मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाता है। इसके बाद आइसोलेशन से गंभीर मरीजों को आइसीयू में जगह दी जाती है। आइसीयू में विगत आठ दिनों में एक दर्जन मरीजों की जान जा चुकी है। कोविड नियमों के तहत स्वजनों को शव सौंपा जाता है।

केस स्टडी एक

चुनीहारी टोला निवासी 62 वर्षीय महिला को संक्रमित होने के बाद मेडिकल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। सोमवार की दोपहर बाद महिला की तबीयत खराब हो गई। स्वजन आइसीयू में भर्ती करने के लिए गुहार लगाते रहे। इस बीच एक घंटे बाद महिला को आइसीयू के रेफर की पर्ची कटी। तीन घंटे तक महिला इमरजेंसी में पड़ी रही। जब हालत ज्यादा खराब होने लगी तो ट्रॉलीमैन के कारण शाम में आइसीयू में दाखिल किया गया। इस बीच महिला की मौत हो गई।

केस स्टडी-दो

आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कहलगांव के बुजुर्ग को गंभीर हालत में आइसीयू में रेफर किया गया। आइसीयू में बेड खाली नहीं होने के कारण इमरजेंसी में ही घंटों इंतजार करना पड़ा। मरीज का ऑक्सीजन लेवल काफी गिर गया था। दो घंटे बाद ही मरीज की मौत हो गई। स्वजन ने चिकित्सीय व्यवस्था पर खूब हमला बोले। स्वजनों का आरोप था कि जितना इमरजेंसी में रही, किसी तरह ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं की गई थी। लापरवाही के कारण जान चली गई।  

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