JLNMCH : तीन दिन बाद खुले अस्पताल में मरीजों की लगी भीड़, कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ा

JLNMCH भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्‍सा महाविद्यालय में मरीजों की काफी भीड़ है। इस भीड़ के कारण कोरोना वायरस का संक्रमण का खतरा बना हुआ है। सुरक्षा गार्ड के रहते शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया गया। मास्‍क भी नहीं लगाए गए हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 11:48 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 11:48 AM (IST)
JLNMCH : तीन दिन बाद खुले अस्पताल में मरीजों की लगी भीड़, कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ा
भागलपुर के अस्‍पताल खुल जाने से भीड़ लगी हुई है।

भागलपुर, जेएनएन। JLNMCH :  तीन दिन बाद खुले जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के आउटडोर विभाग में सोमवार को दिनभर मरीजों की भीड़ लगी रही। भीड़ में ज्यादातर मरीज मास्क नहीं पहने थे। कतार में शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं किया गया, जिससे कोरोना संक्रमण बढऩे का खतरा बना रहा।

आउटडोर में बढ़़ रही है मरीजाेें भीड़  

आउटडोर विभाग में आठ सौ से ज्यादा मरीजों ने इलाज करवाए। पैथोलॉजी जांच के कूपन के लिए लाइन में खड़े मरीजों के बीच शारीरिक दूरी नहीं थी। दर्जनों मरीज बिना मास्क के थे। लेकिन सुरक्षा गार्ड ने रोक-टोक नहीं की। सुरक्षा गार्ड का कहना था कि बार-बार कहने पर भी मरीज नहीं मानते हैं। चिकित्सकों ने कहा कि ऐसी ही स्थिति रही तो कोरोना संक्रमण फिर से बढ़ सकता है।

अब आइसीयू में भर्ती किए जाएंगे गंभीर मरीज

जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल की आइसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) में सात माह बाद गंभीर मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी। यह आइसीयू इनडोर मेडिसीन विभाग में है। कोरोना काल में पूरे अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित कर दिया गया था। इस कारण केवल कोरोना मरीजों का ही इलाज किया जा रहा था। ब्रेन हेमरेज अथवा हृदय रोग से पीडि़त मरीजों को आइसीयू में जगह नहीं मिल रही थी। इन मरीजों को इमरजेंसी में रखकर इलाज किया जा रहा है। सोमवार को मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार और आइसीयू प्रभारी डॉ. महेश कुमार ने बैठक कर आइसीयू खोलने पर विचार किया। तय हुआ कि एक सप्ताह के भीतर आइसीयू खोली जाएगी।

 गत वर्ष 16 बेड की आइसीयू खोली गई थी

डॉ. महेश कुमार ने बताया कि इनडोर मेडिसीन विभाग में गत वर्ष 16 बेड की आइसीयू खोली गई थी। आइसीयू में शीघ्र ही मरीजों को भर्ती किया जाएगा। आइसीयू में वेंटीलेटर, मॉनिटर सहित अन्य उपकरण हैं। साथ ही पेइंग वार्ड में भी आइसीयू की व्यवस्था की जाएगी। पुरानी आइसीयू में गत अप्रैल माह से कोरोना मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, जिसमें आगे भी कोरोना मरीजों का इलाज जारी रहेगा। अभी कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

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