जीविका दीदी संभालेंगी सार्वजनिक जलाशयों की जिम्मेदारी, भागलपुर में तैयार की जा रही सूची, जानिए कैसे होगा आवंटन

भागलपुर में सरकारी जलाशयों की जिम्मेवारी जीविका दीदी संभालेंगी। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत लघु जल संसाधन विभाग एवं मनरेगा के माध्यम से सार्वजनिक जलाशयों का जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है। इसके देखरेख की जिम्मेदारी जीविका दीदी को दी जाएगी।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:26 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 11:26 AM (IST)
जीविका दीदी संभालेंगी सार्वजनिक जलाशयों की जिम्मेदारी, भागलपुर में तैयार की जा रही सूची, जानिए कैसे होगा आवंटन
भागलपुर में सरकारी जलाशयों की जिम्मेवारी जीविका दीदी संभालेंगी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर!  जीविका दीदियों को तालाबों के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी की जा रही है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत नए और विकसित कराए जा रहे सार्वजनिक जलाशयों का रखरखाव एवं प्रबंधन जीविका दीदीयों से कराया जाएगा। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में शनिवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत नव सृजित, विकसित सार्वजनिक जलाशयों के रखरखाव एवं प्रबंधन को लेकर बैठक हुई।

-डीपीएम को सार्वजनिक जलाशयों की सूची प्राप्त करने का दिया निर्देश

-जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णोद्धार के गए हैं तालाब व पोखर

सार्वजनिक जलाशयों का रखरखाव व प्रबंधन बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति, जीविका संपोषित सामुदायिक संगठनों द्वारा किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत लघु जल संसाधन विभाग एवं मनरेगा के माध्यम से सार्वजनिक जलाशयों का जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है। डीएम ने जीविका डीपीएम को निर्देश दिया कि जीर्णोद्धार किए गए सार्वजनिक जलाशयों की सूची संबंधित विभागों से प्राप्त करें। जो जीविका दीदी मत्स्य पालन से जुडऩे के लिए इच्छुक हैं, उनका प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम मत्स्य विभाग द्वारा कराया जाएगा। बैठक में जीविका के डीपीएम एवं जिला मत्स्य पदाधिकारी को प्रशिक्षण कार्यक्रम के सुचारू आयोजन के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

निजी भूमि एवं अन्य विभागीय जलाशय, जिसका बंदोबस्त किया जाता है, उसको छोड़कर अन्य तालाबों का रखरखाव जीविका दीदीयों को दिए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत जीविका को पांच वर्षों के लिए तालाब आवंटित कर उसके रखरखाव व प्रबंधन का आकलन किया जाएगा। अगर कार्य संतोषजनक रहा तो आवंटन का नवीनीकरण भी किया जाएगा। जीविका की अनुशंसा पर जलाशयों का उपयोग आमदनी के लिए मछली पालन, बत्तख पालन, समेकित कृषि, पार्क एवं पर्यटन आदि के रूप में किया जा सकेगा। वहीं मछली पालन आदि को लेकर जीविका दीदी को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी आदि उपस्थित थे। 

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