भागलपुर में जदयू नेता की हत्या : बंदेरा गांव में ही पप्पू को पहले निशाना बनाने जुटे थे हत्यारे

जदयू नेता कुमार पप्पू भगत की हत्‍या मामले में कई बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है। स्वजनों की माने तो हत्या का ताना-बाना बुनने वाले रिंकू यादव गांधी यादव संजीव यादव पप्पू की हत्या का दो बार प्रयास कर चुके थे।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 11:34 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 11:34 AM (IST)
भागलपुर में जदयू नेता की हत्या : बंदेरा गांव में ही पप्पू को पहले निशाना बनाने जुटे थे हत्यारे
खगडिय़ा के जदयू नेता कुमार पप्पू भगत। फाइल फोटो।

भागलपुर, जेएनएन। खगडिय़ा के जदयू नेता कुमार पप्पू भगत को उनके बंदेरा गांव में ही निशाना बनाने जुटे थे कांट्रेक्ट किलर। तकनीकी जांच में यह बात सामने आ रही है कि मारे गए एक अपराधी रतन साह का टावर लोकेशन बंदेरा गांव का था। उसके मोबाइल का इनकमिंग और आउट गोइंग नंबरों से बहुत कुछ साफ होने लगा है कि गांव में ही जदयू नेता को मारने के लिए पहले कांट्रेक्ट किलर जुटाए गए थे। मौके की तलाश में वहीं घात लगाए थे। जब वहां मौका नहीं मिला तो भागलपुर का रुख किया होगा।

दो हमले में बचे जदयू नेता पर हमले में चूक नहीं चाहते थे शातिर

स्वजनों की माने तो हत्या का ताना-बाना बुनने वाले रिंकू यादव, गांधी यादव, संजीव यादव पप्पू की हत्या का दो बार प्रयास कर चुके थे। इस बार भाड़े के हत्यारों के जरिए हमले को अंजाम दिलाया। पुलिस भी यह मान रही है कि दो हमले में बचे जदयू नेता को मारने का अपराधियों को बंदेरा गांव में मौका नहीं मिला होगा। या वह फिर से चूक का जोखिम नहीं लेना चाह रहे होंगे। हालांकि ताना-बाना बुनने वालों से तगड़ी बैकअप मिले इसलिए कांट्रेक्ट किलर गांव में ही पहले जुटे होंगे। जब वहां मौका नहीं मिला होगा तो वहां से भागलपुर पीछा कर पहुंचे होंगे। यहां पप्पू का आवास देख मुकम्मल रेकी कर रखी होगी।

पुलिस भी इस बात को लेकर चौक रही है कि पप्पू मटन खरीदने भीखनपुर जाने वाले हैं ऐसी सटीक जानकारी शूटरों को थी। ऐसी जानकारियां अमूमन करीबी लोगों से ही हुआ करती। ऐसे में इस बात का भी कयास लगाया जा रहा है कि पप्पू के किसी करीबी ने ही इतनी सटीक जानकारी हत्या की साजिश रचने वालों तक पहुंचाई होगी। पप्पू वापस खगडिय़ा जाने वाले थे, यह भी बात सामने आ रही है। इसलिए यह भी संभावना तलाशी जा रही है कि उन्हें जानबूझ कर तो मटन लाने के लिए किसी ने राजी किया होगा। ऐसा किसी करीबी के साजिश रचने वालों से साठगांठ में संभव रहा होगा। मटन खरीदने के बहाने उन्हें भीखनपुर ले जाया जाय जहां हमले का पर्याप्त मौका मिल सके। अगर कोई करीबी हत्यारों से मिला होगा तो इस बात की भी संभावना है कि कोई स्थानीय अपराधी शूटरों को सुरक्षित बाहर निकालने की भी तैयारी कर रखी होगी। तभी तो हत्या बाद शूटर भाग निकले। यह अलग बात कि एक शूटर मौके पर हत्थे चढ़ गया।

पप्पू के रिश्तेदार रहे रालोसपा नेता पूर्व मुखिया राजीव भगत की बांका जिले के अमरपुर में बदमाशों ने ऐसे ही योजना बनाकर कुछ साल पूर्व हत्या की थी। राजीव भगत की हत्या में भी उसके परिवार के करीबी की भूमिका भी चर्चा में थी। हत्या की साजिश रचने वालों ने नक्सली मंटू खैरा गिरोह से संपर्क साध हत्या को अंजाम दिलाया था। लेकिन राजीव की आवाजाही और गतिविधियों की सटीक जानकारी परिवार के लोगों से ही मिली थी। जदयू नेता पप्पू भगत की हत्या में पुलिस की तकनीकी जांच से लगभग साफ हो चली है कि शूटर खगडिय़ा में ही पप्पू की पहले वाट जोह रहे थे। जब वहां घात का मौका नहीं मिला तो भागलपुर पहुंचे थे। पुलिस का दावा है कि जल्द हत्याकांड का उदभेदन कर लिया जाएगा। 

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