Jamui Panchayat Chunav: चुनाव कार्य में नहीं लगाए जाएंगे स्वास्थ्यकर्मी, जानिए... प्रशासन ने क्यों लिया यह निर्णय
Jamui Panchayat Chunav इस बार के पंचायत चुनाव में स्वास्थ्यकर्मयिों को नहीं लगाया जाएगा। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने लिया है निर्णय। कोरोना वायरस का संक्रमण की अभी भी आशंका बनी हुई है।
संवाद सहयोगी, जमुई। Jamui Panchayat Chunav: पंचायत चुनाव को लेकर गतिविधियां तेज हो गई है। जिला प्रशासन शांतिपूर्वक तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए आवश्यक तैयारियों में जुटी है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका भी जताई जा रही है। कुछ राज्यों में कोरोना ने फिर से दस्तक भी देना शुरू कर दिया है। ऐसे में चुनाव को ससमय शांतिपूर्ण ढंग से संपादित करना और कोरोना से निपटना स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के लिए दोहरी चुनौती है।
कोरोना संक्रमण से निपटने और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका अहम हो जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने राज निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कर्मियों को पंचायत चुनाव की ड्यूटी से मुक्त रखने का निवेदन किया है। चुनाव में स्वास्थ्य विभाग के डाटा आपरेटर और किरानी की ही ड्यूटी लगाई जाएगी। शेष सभी को पंचायत चुनाव से मुक्त कर दिया गया है।
तीसरी लहर को देखते हुए लिया गया निर्णय
प्रधान सचिव के जारी पत्र में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान स्थिति एवं संभावित तीसरी लहर के समुचित चिकित्सकीय प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुषंगी इकाइयों में कार्यरत सभी पदाधिकारियों सभी चिकित्सकों एवं अन्य सभी कर्मियों को पंचायत चुनाव के कर्तव्य से मुक्त रखा जाए। संभावित तीसरी लहर में किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की कमी नहीं हो, इसे ध्यान में रखते हुए प्रधान सचिव द्वारा राज निर्वाचन आयोग से विनती की गई है।
चुनाव प्रभारी के खिलाफ शिकायत
संवाद सूत्र, झाझा (जमुई)। सोमवार को प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय परासी में चुनाव प्रभारी शिक्षक महेश प्रसाद रावत ने अपने मन से तदर्थ शिक्षा समिति का गठन कर दिया। इसकी न तो ग्रामीण को कोई सूचना दिया और न ही कोई दिनांक निर्धारित था। उक्त चुनाव से गांव के लोगो में शिक्षक के प्रति आक्रोश व्याप्त है। इस मामले में भाजपा के विंदेश्वरी साव ने बताया कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भेजे गए अधिकारी कुछ लोगों के साथ बैठक की खानापूर्ति की जा रही थी। जिसका विरोध गांव के लोगों द्वारा किया गया। चुनाव प्रभारी शिक्षक से ग्रामीण ने पूछा तो कहा कि शिक्षा विभाग के द्वारा कोई अधिकारी नहीं आया तो स्कूल के प्रभारी हमें ही चुनाव कराने का आदेश दिया है। आदेश का चिट्ठी मांगने पर बोले नहीं है और चुनाव रद्द कर दिया गया। विरोध के कारण इससे पहले 2017 में तदर्थ शिक्षा समिति का गठन किया गया जिसमें पूरा कार्यकाल कभी भी बैठक नहीं कराया गया और ना ही अध्यक्ष, सचिव का खर्च पर स्वीकृति लिया गया। विद्यालय प्रभारी से फर्जी हस्ताक्षर का द्वारा काम किया और सरकारी पैसा को खर्च किया गया। विद्यालय के अध्यक्ष फूल कुमारी, सचिव सुमित देवी ने 11 अगस्त को डाक रजिस्ट्री माध्यम से जिला अधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन दिया है।