Jamui News: डीएम और एसपी आवास से चंद कदम की दूरी पर चलती है स्टैंड संचालकों की दादागिरी, वाहन चालकों से वसूली
Jamui News शहर में दो किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए ई-रिक्शा चालकों को देना पड़ता है 140 रुपया पार्किंग शुल्क। पांच जगह होती है वसूली। नहीं दिए जाने पर की जाती है मारपीट। स्टैंड संचालकों की मनमानी के खिलाफ समाहरणालय के समक्ष किया प्रदर्शन।
संवाद सहयोगी, जमुई। डीएम और एसपी आवास के समीप ही जमुई में स्टैंड संचालकों की दादागिरी चलती है। आलम यह कि यहां शहर के भीतर दो किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए ई-रिक्शा चालकों को प्रतिदिन 140 रुपये का भुगतान करना होता है। मजेदार बात तो यह है कि जिन पांच जगहों पर पार्किंग वसूली होती है उनमें चार स्टैंड नगर परिषद के ही हैं। हैरत की बात तो यह भी है कि इस मनमानी और दादागिरी की शिकायत शहर के थानेदार और कार्यपालक पदाधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। मजबूरन स्टैंड संचालकों की मनमानी तथा नगर प्रशासन और थानाध्यक्ष की उदासीनता के खिलाफ बुधवार को ई-रिक्शा चालकों-संचालकों का आक्रोश फूट पड़ा। विरोध स्वरूप ई-रिक्शा चालक-संचालक संघ ने समाहरणालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई।
ज्ञापन के माध्यम से संघ ने झाझा बस स्टैंड पर कुछेक लोगों द्वारा मारपीट की भी शिकायत की है। यहां यह भी बताना लाजिमी है कि बीते अप्रैल माह में ही ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल हुई थी। इसमें जिला प्रशासन एवं नगर प्रशासन से रंगदारी वसूली की शिकायत की गई थी। तब यह तय हुआ था कि नगर के अंदर किसी एक जगह 10 रुपया का पार्किंग शुल्क रसीद कटा लेने के बाद दूसरी जगह उक्त ई-रिक्शा से शुल्क वसूली नहीं की जाएगी। कुछ दिन तक सब कुछ ठीक-ठाक चला भी लेकिन वक्त के साथ एक बार फिर पूरे शहर में जगह जगह पर ई-रिक्शा संचालकों से रंगदारी वसूली की शिकायत आने लगी। ई-रिक्शा संचालक संघ ने कहा कि शहर के भीतर दो किलोमीटर से भी कम की दूरी तय करने में ई-रिक्शा चालकों को पांच जगह पार्किंग शुल्क भुगतान करना होता है।
इसमें एक स्टैंड को छोड़कर बाकी सभी नगर परिषद अंतर्गत आते हैं। ज्ञापन में कहा है कि झाझा बस स्टैंड में 50 रुपये, स्टेडियम के सामने टेंपो स्टैंड पर 10 रुपये, महिसौड़ी बस स्टैंड पर 40 रुपये, हरनाहा स्टैंड पर 30 रुपये तथा बोधवन तालाब स्टैंड पर 10 रुपये की वसूली की जाती है। नहीं देने पर चालकों के साथ गाली-गलौज एवं मारपीट की घटना को भी अंजाम दिया जाता है। जिसकी सूचना स्थानीय थानाध्यक्ष को भी दी गई लेकिन उनके द्वारा गंभीरता से मामले को नहीं लिया गया। घटनाक्रम की सूचना नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार को भी दी गई लेकिन यहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरन उन लोगों ने आंदोलन का फैसला लिया और इसके लिए प्रचार कराया जा रहा था। इसी बीच झाझा स्टैंड के पास गाड़ी को रोककर छोटू सिंह तथा सन्नी सिंह द्वारा धमकी दिया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व पिंटू साह, कुंदन यादव एवं रंजय कुमार कर रहे थे।