जादुई है जमुई का कोलजी डैम, इसमें साल के 365 दिन भरा रहता है, पानी पीने और स्नान से मिलते हैं अद्भुत लाभ
जमुई का कोलजी डैम अद्भुत है। यहां हमेशा पानी भरा रहता है। झारखंड के गिरीडीह हजारीबाग से बारिश का पानी पहुंचता है यहां। तीन तरफ पहाड़ से घिरा है डैम। सालों भर पानी से रहता है लबालब। यहां काफी संख्या में लोग आकर स्नान करते हैं। पानी पीते हैं।
संवाद सहयोगी, जमुई। नक्सलियों का दंश झेलने वाले जमुई जिला को प्रकृति से कई अनुपम उपहार मिले हैं। उन्हीं में से एक कोलजी डैम है। खैरा प्रखंड में अवस्थित यह डैम पानी से स्वत: भर जाता है। इसके झील से सालों भर पानी बहता है। राजा महाराजा के समय में तकनीक कितना सक्षम था यह डैम उसकी भी बानगी दिखा रही है। तीन तरफ से पहाड़ से यह डैम घिरा है, जबकि एक ओर पत्थर की दीवार और पानी निकासी के लिए आउटलेट बना है। ये पहाड़ झारखंड के पहाड़ों से जुड़ती है। लिहाजा, हजारीबाग व गिरीडीह में हुए बारिश का पानी यहां भी पहुंचता है।
बताया जाता है कि डैम के पूरब व पश्चिम में लगभग दो किलोमीटर मियागी पहाड़ तथा दक्षिण में गिद्धेश्वर पहाड़ है। स्थानीय लोग बताते हैं कि मियागी पहाड़ को बीच के काटकर ही डैम का पेट बनाया गया है। इस डैम में सालों भर पानी भरा रहता है। पहाड़ी पानी के कारण यह शुद्ध और स्वास्थ्यकर भी माना जाता है।
खैरा स्टेट के राजा ने बनाया था डैम
स्थानीय लोगों के अनुसार खैरा स्टेट के राजा गुरु प्रसाद ङ्क्षसह यह डैम बनाया था। इस डैम से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर उत्तरी भाग में लगभग 50 एकड़ क्षेत्रफल में समदा आहार है। इस आहार से लगभग तीन हजार एकड़ खेतों की पटवन होती थी। यह स्थल अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आस्था का केंद्र भी है। यहां वन देवी की पूजा करते हैं।
जीर्णशीर्ण हो रहा डैम
समुचित देखभाल के अभाव में डैम जीर्णशीर्ण हो रही है। डैम के दीवार के नीचे लगातार पानी का रिसाव होता रहता है। स्थानीय लोगों के अनुसार अगर इस डैम को दुरूस्त कर दिया जाए तो पटवन के साथ-साथ इलाके की पेयजल की समस्या का भी समाधान हो जाएगा। यहां बड़ी मशक्कत के बाद चापानल गाडऩे के पश्चात भी पानी निकल जाए तो आप सौभाग्यशाली है।
कहते हैं किसान
खैरा स्टेट के राजा गुरु प्रसाद सिंह ने करीब सौ वर्ष पूर्व इस डैम का निर्माण करवाया था। इस क्षेत्र के किसान लगभग तीन हजार एकड़ में पटवन कर सालों भर सभी प्रकार के फसल उपजाते थे। बाद में ध्यान नहीं देने के कारण विगत 40 वर्षों से डैम का बांध रिसने लगा। - सुनील प्रसाद, किसान
इस डैम से सालों पर पानी लिया जा सकता है। इसके व्यवस्था हो जाने से सिंचाई सहित पेयजल की समस्या दूर हो जाएगी। - भुदय प्रसाद किसान
इस डैम के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। जागरण के माध्यम से पता चला है। डैम के आकार है और पटवन क्षमता को देखते हुए चुनाव बाद अपनी टीम के साथ निरीक्षण कर सरकार को इस संबंध में अवगत कराएंगे। - मु. इकबाल, मुख्य अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग, जमुई