jal-jeevan-hariyale mishan : कुएं के जीर्णोद्धार कार्य में लापरवाही, नहीं निकाली जा रही गाद, सिल्क सिटी के इन कुएं का होना है सुंदरीकरण
jal-jeevan-hariyale mishan भागलपुर शहर के दो दर्जन से अधिक कुएं का सुंदरीकारण कार्य होना है लेकिन इसमें लापरवाही सामने आ रही है। कुएंं से गाद नहीं निकाली जा रही है। केवल उपरी भाग को ही दुुरुस्त किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर में जल जीवन हरियाली योजना के सहारे जलस्रोत के अस्तित्व को बचाना है। ताकि जल संचय की व्यवस्था दुरूस्त होगी तो भूगर्भ का जलस्तर बना रहेगा। इसके लिए सरकार ने तालाब व कुआं आदि जलस्रोत के जीर्णोद्धार कार्य करना है। इसे लेकर निगम ने कार्ययोजना भी तैयार कर कार्य शुरू करा रखा है। लेकिन, पहले चरण में शहर के 14 कुआं के जीर्णोद्धार कार्य में लूट-खसोट मची हुई है। कुआं से बिना गाद निकाले व सफाई कराए बिना ही जैसे-तैसे कार्य कराया जा रहा है। कुआं के ऊपरी हिस्से का प्लास्टर कराकर खानापूरी की जा रही है। जबकि 50 हजार रुपये जीर्णोद्धार कार्य पर खर्च करना है। इसकी निविदा भी नहीं हुई और विभागीय स्तर पर कार्य कराया जा रहा।
बातें दे कि विभागीय स्तर पर निगम सात कुआं का निर्माण करा रहा है। जबकि सात कुआं के जीर्णोद्धार कार्य के लिए निविदा निकाली गई। इसमें साहेबगंज ठाकुरबाड़ी, भूतनाथ मंदिर परिसर, टीएमबीयू कार्यालय परिसर भैरवा तालाब के समीप ठाकुरबाडी के पास दो कुआं और नीलकोठी में कार्य कराया जा रहा है।
दो बोरा सीमेंट, आठ बोरा बालू हो गया जीर्णोद्धार
साहेबगंज के ङ्क्षबदटोला स्थित शिवालय परिसर में नगर निगम ने विभागीय स्तर पर जिन संवेदक को कार्य दिया। वो मुख्यमंत्री के अभियान को पलीता लगा रहा है। दो बोरा सिमेंट और आठ बोरा बालू से कुंआ के उपरी हिस्से की मरम्मत कर छोड़ दिया। वहीं कुआं के प्लेटफार्म से उल्टे हिस्से में वाटर हार्वेङ्क्षस्टग का निर्माण कराया जा रह है। जबकि योजना के अनुसार कुआं से गाद निकालने और मरम्मत कार्य के साथ रंग-रोगन के लिए 40 हजार रुपये खर्च करना है। इसके अलावे 25 हजार रुपये की लागत से वाटर हार्वेङ्क्षस्टग का निर्माण किया जाना है। लेकिन कुआं से गाद तक नहीं निकाला गया। मरम्मत के नाम पर खानापूरी कर दी। नीलकंठ मोहल्ले में कुआं सूखा हुआ है। इसकी उड़ाही तक नहीं हुई और बाहरी हिस्से की मरम्मत की जा रही है।
कुआं के मीठे जल से गांव में होता है भोज
बिंद टोला के कुआं का पानी पांच वर्ष पहले इतना मीठा था कि लोग शादी समारोह के भोज में इस्तेमाल करते थे। वर्तमान दौर में पानी प्रदूषित हो गया है। इस पानी की सफाई के लिए गाद निकालना जरुरी है। स्थानीय कर्मचारी महत्तो और बालेश्वर मंडल ने कहा कि संवेदक को कुआं की सफाई के कहा तो अनाकानी कर कहने लगे हमें सिर्फ उपरी मरम्मत करना है। उड़ाही नहीं करना है। इसके विरोध में दो दिनों तक कार्य बंद किया गया। निगम के कार्यों में लूट की छूट दे दी गई। इसकी निगरानी तक नहीं हुई। अब नगर आयुक्त को आवेदन देकर जांच की मांग करेंगे।
कोट ....
कुआं जीर्णोद्धार कार्य में लापरवाही के मामले में योजना शाखा से रिपोर्ट मांगी जाएगी। अगर योजना से इतर कार्य हुआ तो जिम्मेदार से जवाब मांगा जाएगा।
सीमा साहा, मेयर