International Yoga Day 2021 : मुंगेर में योग की माया से कई लोगों की निरोग हुई काया, स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने किया मागदर्शन

International Yoga Day 2021 बिहार का योग विद्यालय काफी प्रसिद्ध है। यह मुंगेर में है। यहां आकर कई लोग स्‍वस्‍थ हुए हैं। स्‍वामी निरंजनानंद सरस्‍वती खुद इस अभियान में लगे हुए हैं। हड्डी व नस की समस्या से जूझ रही माला सिन्हा योगाभ्यास से हुईं चंगी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 07:11 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 07:11 AM (IST)
International Yoga Day 2021 : मुंगेर में योग की माया से कई लोगों की निरोग हुई काया, स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने किया मागदर्शन
बिहार के मुंगेर योग विद्यालय में दी जाती है योग की‍ शिक्षा।

मुंगेर [प्रशांत]। International Yoga Day 2021 : निरोग काया के लिए योग कितना जरूरी है, इसके उदाहरण योगनगरी मुंगेर में कदम कदम पर बिखरे पड़े हैं। बेकापुर की माला सिन्हा ने कहा कि वे हड्डी और नस की बीमारी से परेशान थीं। कमर से नीचे दोनों पांवों में इतनी तेज दर्द होती थी कि खड़ा रहना मुश्किल हो जाता था। बैठे रहने पर भी असहनीय पीड़ा होती रहती थी। कई डॉक्टरों से इलाज कराया। दवा और सूई के असर से कुछ समय तक दर्द दूर हो जाता था। लेकिन फिर वैसी ही पीड़ा होने लगती थी। ऐसे में मैं बिहार योग विद्यालय गई। योग विद्यालय में कुछ आसन और प्रणायाम करने की सलाह दी गई। देखते ही देखते मेरी समस्या दूर हो गई। मेरा यूटरस भी बढ़ गया था। किसी ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी, तो किसी ने कई प्रकार की जांच की। योग विद्यालय के आचार्य की सलाह पर मैंने नियमित सूर्य नमस्कार करना शुरू किया, तो उस समस्या से भी निजात मिल गई।

यह कहानी सिर्फ एक माला सिन्हा की नहीं है। ऐसे दर्जनों लोग हैं जो योग कर असाध्य रोगों से मुक्त हो गए। घोषी टोला भूसा गली के गौरव गोपाल ने कहा कि उन्होंने बंगलुरु में स्पाइन टयूमर की सर्जरी कराई थी। लेकिन उसके बाद भी उनकी समस्याएं बनी रहीं। एक व्यक्ति की सलाह पर वे योग विद्यालय गए और अपनी समस्या बताई। वहां उन्हें पवन मुक्तासन, नाड़ी शोधन, सूर्य नमस्कार,भ्रमारी आदि कई आसान व प्राणायाम करने की सलाह दी गई। इनके अभ्यास से मेरी सभी समस्याएं दूर हो गईं। गौरव कहते हैं कि मेरी मां वैभवी सिन्हा वर्ष 2010 में डेंगू की शिकार हो गईं थी। डेंगू ने उनके शरीर को काफी कमजोर कर दिया था। मां ने योग विद्यालय जाना शुरू किया। मंत्र, आसन, प्राणायाम के नियमित अभ्यास के कारण अब वह भी स्वस्थ्य जीवन जी रही हैं।

शिव कुमार रुंगटा ने कहा कि योग का मानव जीवन पर चमत्कारिक असर होता है। उन्होंने इसे महसूस किया है। दस वर्ष पहले वे कान की गंभीर समस्या से परेशान थे। ऑपरेशन कराने के लिए वे अहमदाबाद गए थे। वहां ऑपरेशन से पहले उनकी डायबिटिज संबंधी जांच की गई। रिपोर्ट में उनमें 350 से अधिक स्तर तक डायबिटिज पाई गई। रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने दवाई दी और इसके कम होने के बाद ही ऑपरेशन करने की बात कह कर लौटा दिया। मुंगेर आकर वे बिहार योग विद्यालय गए।

वे स्वामी निरंजनानंद सरस्वती से मिलकर अपनी समस्या बताई। इस पर स्वामी जी ने कहा घबराएं नहीं। डायबिटिज पर 40 दिनों का रिसर्च कोर्स होने वाला है। उसमें आप भाग लें। उसमें इनके साथ देश के अलग अलग हिस्सों से आए 16 लोग शामिल हुए। उस शिविर में नियमित नेति, कुंजल, लघु शंख प्रच्छालन, योग निंद्रा आदि का अभ्यास कराया जाने लगा। इस दौरान सभी लोगों के सांस, वजन, धडक़न आदि की नियमित निगरानी की जाती थी। 40 दिनों के बाद खाना खाने के बाद मेरा डायबिटिज 90 से 95 था। योग से न सिर्फ डायबिटिज की समस्या दूर हुई, कान की समस्या भी जाती रही। इसका कारण यह है कि योग का असर शरीर के साथ ही मन पर भी पड़ता है।

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