टीकाकरण में अफवाहों का संक्रमण, भागलपुर में 47 हजार लोगों ने कोरोना का टीका नहीं लिया
भागलपुर जिले में 47 हजार लोगों ने कोरोना का टीका लेने से किया मना। अधिकारियों के समझाने के बाद कुछ लोगों ने लगवाए टीके। टीका लेने से इंकार करने वाले ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के लोग। सबसे ज्यादा जगदीशपुर प्रखंड के लोगों ने टीके को ना कहा।
भागलपुर [अशोक अनंत]। एक है अधूरा, आधी है प्रतिरक्षा, जब सभी लेंगे कोरोना के दोनों टीके, तभी होगा सुरक्षा चक्र पूरा। सरकार, बेशक लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक कर रही है, लेकिन टीकाकरण को अफवाहों का संक्रमण लग गया है। यही कारण है कि जिले में 47 हजार लोगों ने कोरोना का टीका लेने से इंकार कर दिया। सबसे ज्यादा जगदीशपुर प्रखंड में लोगों ने टीके लगवाने से मना कर दिया, जबकि इस्माइलपुर प्रखंड में सबसे कम लोगों ने इंकार किया है।
सरकार कोरोना के टीकाकरण के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, ताकि भविष्य में लोग कोरोना से बचे रहें और उनके बच्चे और स्वजन भी कोरोना से सुरक्षित रहें, लेकिन जिले में अफवाहों के कारण शत प्रतिशत सफलता नहीं मिल पाई है। अभी तक जिले के प्रखंडों में हजारों लोगों ने टीका लगवाने से इंकार कर दिया है। चूंकि जबरन टीके नहीं दिए जा सकते, इसलिए टीम के सदस्य और अधिकारी समझाने के लिए जाते हैं। इतनी बड़ी संख्या में टीका नहीं लेना भी यह दर्शाता है कि लोग कोरोना टीका के प्रति जागरुक नहीं हैं। इनमें अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों ही वर्ग के लोगों ने टीका लेने से इंकार किया है।
सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मचारियों को लगाया गया था टीका
प्रदेश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान प्रारंभ हुआ। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मचारियों, हेल्थ वर्कर आदि को टीका लगाने के बाद अन्य सरकारी कर्मचारियों को टीके लगाए गए। फिर आमलोगों का टीकाकरण प्रारंभ किया गया था। राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक 47344 लोगों ने कोरोना का टीका लेने से इंकार किया है। अधिकारियों के मुताबिक लोगों में अफवाह के कारण कई तरह की भ्रांतियां थीं, इसलिए लोगों ने टीका लेने से इंकार किया। हालांकि समझाने के बाद लोगों ने टीका लिया, लेकिन ऐसे लोगों संख्या कम है।
लोगों में टीके को लेकर अफवाहें भ्रांति : टीका लगवाने से शारीरिक कमजोरी हो सकती है हकीकत : शारीरिक रूप से कमजोर नहीं हो सकते भ्रांति : टीकाकरण से बुखार आ जाता है हकीकत : हर टीके के बाद बुखार आना सामान्य प्रकिया है, हर किसी को बुखार भी आए यह जरूरी नहीं भ्रांति : टीका लगने से कोरोना हो जाता है हकीकत : टीका कोरोना को रोकने के लिए बनाया गया, न कि कोरोना के मरीज बढ़ाने के लिए भ्रांति : टीका लगने से व्यक्ति की मौत हो जाती है हकीकत : ऐसा कुछ नहीं है, देश में करोड़ों लोगों को टीका लग चुका है भ्रांति : जानवर की चर्बी से टीका बना है हकीकत : वैक्सीन के ऊपर सारे कंटेंट लिखे होते हैं, जिसे कोई भी पढ़ सकता है भ्रांति : मुस्लिम विरोधी सरकार केवल मुस्लिमों को टीका लगवा रही है हकीकत : टीका हर वर्ग, हर धर्म और समुदाय के लोगों को लगाया जा रहा है भ्रांति : टीका लगने से नपुंसक हो जाते हैं हकीकत : ये लोगों में भ्रांतियां हैं, इसका हकीकत से कोई वास्ता नहीं है भ्रांति : पानी का टीका लगा कर जनता को उल्लू बना रहे हैं हकीकत : हर वैक्सीन टेस्ट के बाद ही लैब से बाहर आती है, हर वैक्सीन पर बैच नंबर होता है। भ्रांति : जनसंख्या नियंत्रण के लिए टीका लगा रहे हैं हकीकत : इसका जनसंख्या नियंत्रण से कोई लेना-देना नहीं है
प्रखंडों के नाम इंकार करने वालों की संख्या
मुख्य बातें
मझाने के बाद लोग टीका लेने लगे हैं। कोरोना टीका के प्रति जागरुकता नहीं होने की वजह से कई लोग टीका लेने से इंकार करते हैं, लेकिन समझाने के बाद धीरे-धीरे टीका लेने वालों की संख्या बढऩे लगी है। प्रखंडों में लोगों को कोरोना का टीका लेने के लिए जागरुक किया जाएगा। - डा. उमेश शर्मा, सिविल सर्जन
25 नवंबर को भी सुल्तानगंज के मसदी में लोगों ने टीके लगवाने से इंकार कर दिया था। अन्य प्रखंडों में भी जब लोग टीका नहीं लेना चाहते तो स्थानीय प्रबुद्ध लोग और यूनिसेफ के प्रतिनिधि स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ वहां जाकर उन्हें टीका लेने के फायदे के बारे में समझाते हैं। इंकार करने वाले कई लोग टीका ले रहे हैं। - डा. मनोज कुमार चौधरी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी